बली चढ़ती बच्चियाँ ...😣❌....अब बस !!!

बली चढ़ती बच्चियाँ ...😣❌
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आमतौर पर इस तरह की घटनाएं या तो सामने नहीं आती और अगर आ भी जाएं तो उन्हें तवज़्ज़ो नहीं दिया जाता क्यों कि करोड़ों मासूमों में से दो चार हज़ार मर भी जाएं तो कौन सा अकाल पड़ जायेगा। वैसे भी एक औरत की औकात सिर्फ बच्चा पैदा करने से ज्यादा है ही क्या .... ? ? ? ?
    उत्तर प्रदेश में कोई भी सरकार हो किसी भी धर्म विशेष को सरक्षंण देती हो। पर उस के राज में स्त्री सुरक्षित नहीं है। खास तौर पर वह मासूम बच्चियां जो बलात्कार का मतलब भी नहीं जानती। यूपी के लखीमपुर खीरी में एक 16-17 साल की बच्ची का बलात्कार करके उसकी इस निर्ममता से हत्या की गई कि देखने वालों का दिल दहल गया। लेकिन उस बन्दे का सोचिए जिसने ये सब किया आखिर वो किस मिट्टी का बना था। नाम मात्र को भी भावनाएं नहीं थी उसमें, बलात्कार किया वह उसकी हवस थी पर निर्ममता से मार भी देना क्या ये भी मजबूरी थी ? ? रही होगी कि कहीं नाम सामने ना आ जाये । अगर नाम सामने आने का इतना भय है तो ऐसा गलत काम क्यों किया जाए। ये सब प्रश्न आपस मे उलझें हैं। आखिर माँ बाप कब तक बेटी के साथ साथ घूमते रहेंगे कभी तो उसे आत्मनिर्भर होने के लिए थोड़ी देर अकेले छोड़ना पड़ेगा !!
                अब दूसरी घटना भी देखें उसी लखीमपुरखीरी में ही 3 साल की बच्ची के साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। 3 साल की नन्ही बच्ची क्या उसका शरीर बलात्कार के लायक था ? ? उस का भी शव गन्ने के खेत मे पाया गया। उसे भी बेदर्दी से मार दिया गया। इसी तरह की एक और घटना में भी एक नाबालिग को बलात्कार के बाद मार कर फेंक दिया गया। 20 दिन के अंदर लगातार 3 बच्चियाँ इस तरह से मौत के घाट उतार दी गई।  आखिर वजह क्या है ........।। अगर ध्यान से सोचें समझें तो वजहें बहुत सी हैं
पहली : ईंटरनेट की आसानी से उपलब्धता और अधिकाधिक उपयोग
दूसरी :लड़कों की बेरोजगारी और बेकारी
तीसरी : पारिवरिक ध्यान ना दिया जाना
चौथा: मजदूर स्तर के परिवार में जगह की    कमी से पति पत्नी के रिश्ते की बात बच्चों के सामने आ जाना।
पांचवा : युवा होते लड़कों में जल्दी से जल्दी हर कार्य को झरने के अनुभव की लालसा   
     
इस तरह के कारणों को हम समझ बूझ से दूर कर सकते हैं। पर क्यों सरकारें इस मे रुचि लेंगी। क्योंकि बच्चियों को बचा कर रखना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है। क्षमा करो बच्चियाँ  हम सिर्फ तुम्हारे असमय दुखद रूप से जाने पर दुखी ही हो सकते हैंऔर कुछ नहीं ......!!!

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