अपनी परेशानियां स्वयं तक ही रखें 🙆
अपनी परेशानियां स्वयं तक ही रखें......🙆
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हम अपने जीवन में बहुत सी चिंताओं परेशानियों से घिरे रहते हैं। उनके बारे में निरन्तर सोचते रहते हैं । कभी समाधान मिलता है कभी और उलझनें बढ़ जाती है। ऐसे में हम सोचने लगते हैं कि दूसरों से अपनी समस्या शेयर करने से मन हल्का होगा और शायद कोई समाधान की राह भी मिलेगी। पर क्या ऐसा हो पाता है ? ? क्या दूसरों से बात करने पर समस्या का हल मिलता है ? ? क्या ऐसा नहीं होता कभी कि दूसरे आपकी समस्या में अपना अनुभव जोड़ कर उसे और विकराल बना देते हैं ? ? क्या दूसरे आपकी समस्या की गंभीरता आप ही तरह समझते हैं ? ? क्या आप ये भी आश्वस्तता रख सकते हैं कि आपकी समस्या सिर्फ उन तक ही रहेगी जिन्हें आपने सहभागिता के लिए चुना है वो इसे और आगे शेयर नहीं करेंगे ? ? ऐसे बहुत से सवाल पहले मन में जगाइए फिर अपनी समस्या में किसी दूसरे को भागीदार बनाइये। जब हम किसी से अपनी समस्या या परेशानी का जिक्र करते हैं तो वह उसमें जरूर अपने अनुभव भी जोड़ता है तब ही वह समस्या से कनेक्ट हो पाता है। ऐसे में जब समस्याओं का दायरा बढ़ता है। तो वह समाधान की तरफ़ नहीं बल्कि और उलझन की तरफ बढ़ती हैं । सोच की नकारात्मकता एक व्यक्ति से होती हुई दूसरे और फिर तीसरे तक बढ़ती है। ऐसे में समस्या या परेशानी का हल मिलना लगभग असंभव हो जाता है। ऐसे में जो उपाय सबसे सुगम है वह ये कि हम अपनी बुरी चीजों ,या अनुभवों को दूसरों से बांटना बन्द करे। ये नुस्ख़ा खासतौर पर पारिवारिक सदस्यों के बारे में चर्चा का हो या उनसे जुड़ी हुई किसी परेशानी का उसे स्वयं तक ही रखें। हम से बेहतर हमारी परेशानियों का हल कोई नहीं जानता। इस लिए हम खुद ही अपनी परेशानियों को खत्म होने के लिए सकारात्मक वेव्स भेज कर उनसे जाने की विनती करें। अगर जाएगी नहीं तो प्रभाव तो कम करेंगी ही। आज़मा कर देखिए फलीभूत होगी। ★★★★★★★★★★★★★★★★★
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