नग्न होना
नग्न होना.....!! •••••••••••••••
नग्न होना...
निर्वस्त्र होना नहीं होता
नग्न होना कुछ और ही है
नग्न होना बेशर्म होना है
अर्थात बेशर्मियों का समूह है
नग्न होना...
महावीर का निर्वस्त्र होना
नग्न होना नहीं था
द्रोण का एकलव्य से अंगूठा मांग लेना नग्न होना है....
द्रोपदी को निर्वस्त्र कर देना
द्रोपदी का नग्न हो जाना नहीं होता
दांव पर लगाई जिन्होंने पत्नी
जो बांधे रहे हाथ प्रतिज्ञाओं के अनुपालन में
जो जंघा पर हाथ मारते रहे बेशर्मी से
जो घिघियाये रहे लेकिन बचाने नहीं आ सके द्रोपदी
वे सब नग्न थे...!
जिन्होंने चरित्र के आक्षेप लगा कर निकाल दी औरतें घर से
जिन्होंने घर में कैद करके रखी औरतें
और खुद बैंकाक-पताया की उड़ाने भरते रहे
जो छोड़-छोड़ भागे औरतें
बड़े आदमी होने के लिए
वे सब नग्न थे
जिन्होंने अवाम को नहीं सुना उनके कष्ट में
जिन्हें सड़क पर गर्भ गिराती स्त्री नही दिखी
जिन्हें मर गए मजदूर
दफन होते किसान नही दिखे
सांस के लिए जूझती अवाम नही दिखी
वह राजा नग्न है...!
निर्वस्त्र होना नग्न होना नही होता
बेशर्मियों के समुच्चय जोड़कर जो
सुंदर वस्त्र पहन इठलाता है
वह भद्दा असुंदर नग्न होता है
जो नग्न होता है
वही नग्नता के लिए दुत्कारा जाता है
निर्वस्त्र होना नग्न होना नही होता
वस्त्रों आभूषणों से सजे लोग भी
नग्नता के लिए दुत्कारे जा सकते हैं
( साभार - वीरेन्द्र भाटिया )
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