मिनिमलिस्ट जीवनशैली

 मिनिमलिस्ट जीवनशैली : ••••••••••••••••••••••••••

दुनिया में अब बढ़ रहा है, मिनिमलिस्ट फिलॉसॉफी का चलन...!! क्या पूंजीवादी सभ्यता के मैक्सीमलिस्ट फिलॉसॉफी से अब तंग आ चुके हैं लोग...? हम समृध्दि के नरक में जी रहे हैं, क्योंकि मनुष्य की स्वतन्त्रता के आयाम खो गयें हैं। मनुष्य अब कोई क्रांतिकारी की तरह नहीं सोचता, बल्कि व्यवस्था का गुलाम हो गया हैं... 

आज कृत्रिम जरूरतें हमारे समाज, शरीर, चेतना, प्रकृति के साथ क्या कर रही है..?? प्रतिदिन सुबह से रात सोने तक हम कितनी सारी चीजें इस्तेमाल करते हैं जिनकी हमे जरूरत ही नहीं है। इतना पैसा गैर-जरूरी चीजों पर खर्च कर रहे हैं। स्वास्थ्य, मस्तिष्क, पर्यावरण भी खराब कर रहे हैं.....

सांई इतना दीजिए, जामे कुटुंब समाय

मैं भी भुखा ना रहूं, साधु न भूखा जाय... 

कबीर संयम के समर्थक हैं। वह संतुलन में विश्वास रखते हैं. वह कहते हैं, हमें केवल उतने की ही आकांक्षा करनी चाहिए, जितना हमारे खुद की, परिवार और दोस्तों की जरूरतों के लिए पर्याप्त हो।

कितना काफी है..?? कोई कहां रेखा खींचता है..?? किस कीमत पर विकास स्वीकार्य है..?? यदि जीवन विकल्पों के बारे में है, तो हम कौन सा विकल्प चुनने को तैयार हैं..?? और उन विकल्पों के लिए हम कौन सी कीमत चुकाने को तैयार है.....

यह मिनिमलिस्ट का ज्ञान नया नहीं है. जीवन को पुनः प्राप्त करने के लिए आंदोलन हो रहा है... 

मिनिमलिज्म का मतलब कम सामानों मे बेहतर जिन्दगी...आखिर कैसे बनें मिनिमलिस्ट....?? 

अगर आप अपने जीवन को सरल बनाने का तरीका खोज रहे हैं, तो शायद आपके लिए मिनिमलिस्ट जीवनशैली एक सही तरीका हो सकता है... 

सिर्फ उन चीजों को ही खरीदना, जिनकी आपको सच में जरूरत है। अगर आप अव्यवस्था से परेशान हैं, या आप अपने खर्चे कम करना चाहते हैं, तो कम सामानों के साथ रहना आपके लिए सही विकल्प हो सकता है... 

◆ कम चीजों के साथ सादगी भरा जीवन कैसे अपनाएं.....? 

हम सभी को ज्यादा चीजें चाहिए। ज्यादा गैजेट, ज्यादा कपड़े, ज्यादा खाना, ज्यादा घूमना, ज्यादा सोशल मीडिया, ज्यादा मनोरंजन, ज्यादा पार्टियां और न जानें क्या-क्या... 

यह 'ज्यादा' वाली मानसिकता हमें और ज्यादा पाने के लिए भूखा बना रही है। इसलिए हम ज्यादा कमाना चाहते हैं, ज्यादा खर्च करना चाहते हैं और ज्यादा ही खरीदना भी चाहते हैं। इससे हम खुश और ज्यादा सफल महसूस करते हैं... 

लेकिन अगर 'ज्यादा' सामान खरीदने और रखने से हमें वास्तव में अच्छा महसूस होता तो क्या हम सभी जीवन में पूर्णरूपेण खुश है

क्या होती है मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल..?? 

इसका सीधा और सरल मतलब केवल यही है कि मिनिमलिस्ट जीवन जीने वाले लोग बस वही चीजें रखते हैं, जो जरूरी हैं। वे उन चीजों को हटा देते हैं, जो उनका ध्यान भटकाती हैं... 

 मिनिमलिस्ट होना हर व्यक्ति में अलग हो सकता है, इसलिए यह वास्तव में आप पर निर्भर करेगा कि आप क्या रखते हैं और क्या हटाते हैं... 

यह उन चीजों पर निर्भर करता है, जो आपके काम में आती हैं। बहुत से लोग तनाव कम करने के लिए मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल जीने का फैसला करते हैं... 

रिसर्चगेट की एक स्टडी में बताया गया है कि मिनिमलिज्म एक लोकप्रिय जीवनशैली है। इसे अपनाकर लोग अपनी खुशी से कम संपत्ति के साथ रहते हैं। ऐसा जीवन जीने वाले लोगों के अनुभव के मुताबिक, मिनिमलिज्म से उन्हें कई फायदे हुए हैं जैसे कॉम्पिटेंसी और क्षमता का बढ़ना, मानसिक शांति मिलना, जागरूकता और सकारात्मक सोच पैदा होना... 

*जीवन व्यवस्थित और अनुशासित होता है

*बचत करने का सबसे बेहतर तरीका

*तनाव कम होता है

*कम सामान होते हैं तो कम साज-संभाल करनी पड़ती है

*आसानी से हो जाती है घर की साफ-सफाई

*बाकी कामों के लिए और अपने लिए ज्यादा समय मिलता है

*सोर्स- ग्रेग मैकोन की किताब 'एसेंशियलिज्म' से

मिनिमलिस्टिक लाइफस्टाइल जीने के लाभ हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन कई लोगों को लगता है कि इससे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से जगह बनाने में मदद मिलती है। कुछ लोगों को ज्यादा अव्यवस्था से चिंता हो सकती है, इसलिए मिनिमलिस्टिक जीवनशैली अपनाने से कुछ हद तक इससे राहत मिल सकती है... 

एपल के संस्थापक, स्टीव जॉब्स, मिनिमलिज्म में दृढ़ विश्वास रखते थे। उनका कहना था, "जटिलता को सरल बनाएं।" यही उन्होंने अपने बिजनेस में भी लोगों को सिखाया... 

◆ आज के दौर में कैसे जिएं मिनिमलिस्ट जीवन..?? 

मिनिमलिज्म का मंत्र है, 'कम ही ज्यादा' है। मिनिमलिज्म का मतलब है कि आप अपनी जरूरत की चीजें ही खरीदें, बजाय इसके कि आप जो चाहें वो खरीद लें... 

मिनिमलिस्ट जीवन जीने के तरीके:

*अव्यवस्था हटाएं (डिक्लटरिंग)

*अलमारी में सिर्फ जरूरी सामान ही रखें

*अपने विचारों में बदलाव लाएं

*घर की सजावट वाले सामानों पर कम से कम खर्च करें

*पुराना सामान या तंग हो गए कपड़ों को बाहर निकाल दें

*नया सामान लेने से पहले देख लें कि घर में वो पहले से तो नहीं है

*कोई भी नई चीज खरीदने से पहले सोचें कि क्या आपको सचमुच उसकी जरूरत है

● सोर्स- ग्रेग मैकोन की किताब 'एसेंशियलिज्म' से

◆ अव्यवस्था हटाना (डिक्लटरिंग)

मिनिमलिस्ट लाइफ की शुरुआत आप एक ऐसी चीज से छुटकारा पाने से कर सकते हैं, जो आपको नहीं चाहिए या जिसकी आपको जरूरत नहीं है जैसे सजावट का कोई सामान... 

*ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली जगहों से शुरुआत कर सकते हैं.. 

*हर चीज पर अलग से विचार करें और तय करें कि यह आपको खुशी देती है या नहीं

*एक मिनिमलिस्ट जीवनशैली का मतलब है डिक्लटर करना यानी अव्यवस्था हटाना

*अलमारी में रखें सिर्फ जरूरी सामान

कपड़े एक और ऐसी चीज हैं, जिसे जमा करना आसान है, खासकर अगर आप ऐसी जगह रहते हैं, जहां चारों मौसम होते हैं। अपनी अलमारी को छोटा करने का सबसे आसान तरीका है हर चीज को आजमाना... 

• जो भी कपड़ा आपको फिट न आए या जिसमें आप आत्मविश्वास महसूस न करें, उसे हटा दें.. 

• ऐसे जूते दान कर दें, जो आरामदायक न हों.. 

आप 'कैप्सूल वॉर्डरोब' में बदलाव करने भी शुरू कर सकते हैं.. 

इसका मतलब है कि आपके पास रोजाना पहनने के लिए जरूरी हर चीज होगी और साथ ही आपके पास कम-से-कम अलमारी होगी.. 

◆ अपने विचारों में लाएं बदलाव

आपके घर में सामान को व्यवस्थित करने की शुरूआती प्रक्रिया कुछ लोगों को राहत देने वाली या दूसरों को चुनौतीपूर्ण लग सकती है। हालांकि, एक मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल बनाए रखना बाहर की तुलना में बहुत अधिक आंतरिक प्रक्रिया है.. 

अपनी मानसिकता को बदलना सफलता प्राप्त करने का एक जरूरी हिस्सा है।

माइंडफुलनेस का अभ्यास करना, खासकर जब आप खरीदारी करते हैं।

 खरीदारी करने से पहले कल्पना करने की कोशिश करें कि यह चीज आपके जीवन में कैसे फिट होगी, आप इसे कितनी बार इस्तेमाल करेंगे... 

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