खुद को पसंद करने की पहल

खुद को पसन्द करने की पहल : •••••••••••••••••••••••••••••


किसी से सुना था कि "दूसरे को पसन्द करने से पहले खुद को पसन्द करना होता है"

पर यह आसान सी बात भी नामुमकिन हो जाती है, कोई खुद को पसंद करे भी तो कैसे?

कैसे बावले है हम इतना भी नहीं समझते हैं कि खुद को पसंद करने के लिए पहले जरुरी होता है "खुद को जानना "

दरअसल हम खुद को जानें बिना ही जीते हैं और खुद को जानें बिना ही एक दिन मर जाते हैं 

सच तो यह है कि हमें पता नहीं चलता कि कब हम खुद से दूर जाकर खड़े हो जाते हैं 

दरअसल हम खुद से चंद कदमों की दूरी पर होते हैं, पर यह दूरी तय करने में जमाने लग जाते हैं 

आखिर यह कैसी बेबसी है कि यदि कोई  चाहें तो सीधे सीधे दो कदम आगे बढ़कर खुद को गले लगा ले लेकिन यह छोटी सी बात भी इंसान के हिस्से नहीं आती?

सच ही है....सूरज के डूबने पर परछाई भी साथ छोड़ देती है 

एक दिन मैंने भी सूरज को ढलते देखा था और देखा था कि धीरे धीरे मेरी परछाईं ने भी मेरा साथ छोड़ दिया था....उजाला भले ही आंखें चौंधियाता है पर वह आपको आपकी परछाई से जोड़े रखता है। 

खुद को जानने पसन्द करने के लिए हमारे पास एक बेहतरीन माध्यम है आईना...

हम जिसमें खुद को बीसियों बार देखते हैं। 

पर क्या कभी खुद को देख कर मुस्कुराए...? अपनी ही नज़र उतारी...? खुद से आईने में खड़े होकर बातें की....? अपनी समस्या आईने के सामने खुद को बताई और खुद से ही उसका हल पूछा..? 

शायद नहीं किया...तो ये कर के देखिए। खुद से प्यार और खुद पर विश्वास बनने लगेगा। समस्याओं का हल दिमाग ढूंढने लगेगा। क्योंकि उसे खुद को जवाब देना है। हमारा हमसे अपना तो कोई है ही नहीं। इसलिए सबसे पहले खुद के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। 

◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆


                                            

Comments