निर्णयों की पूर्व योजना और फलीभूत संचय ………!

चलिए आज एक ऐसे विषय पर थोड़ी सी चर्चा करते हैं जो हमारे जीवन को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। हम सभी अपने अर्जित धन को बैंकों में जमा पूंजी के तौर पर सुरक्षित रखते हैं।  किस लिए ? अपने आने वाले कल के लिए , उसे सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए। हमारी सोच और प्रयत्न दोनों ही एक ही दिशा में कार्य करते हैं तब वह कारगर रूप से फलीभूत होते हैं। तात्पर्य ये है कि क्या कोई भी कार्य बिना किसी मकसद के किया जाता है ? हम जो कुछ भी, कभी भी, कही भी करते हैं उसके पीछे कोई वजह होती है कोई तर्क और लक्ष्य होता है। इसी प्रकार हमारा जीवन भी है। हम खुश कैसे रहें इस के पीछे भी यही सोच और बचत का सिद्धांत काम करता है। हम यदि कुछ भी करने से पहले उसके परिणामों और संचय का लेखा जोखा रख लें तो उस काम के प्रति हमारी जवाबदेही निर्धारित हो जाती है। 
                 उदाहरण के तौर पर देखें कि यदि आप कोई घर खरीदने का सोच रहें है तो इस में भी आप भविष्य की सुरक्षा का विचार रख रहें हैं। उस समय के लिए जब आप आर्थिक और शारीरिक रूप से अक्षम होंगे । ये भविष्य के लिए की सोच है। इसी प्रकार खुश रखने के लिए आप ऐसा क्या करें कि दुःख आये तो पर तनिक समय के लिए ठहर कर वापस आप को एक नयी ख़ुशी के साथ छोड़ दे। सब से पहले आप को जो प्रथम कदम उठाना है वह है अपनी इन्द्रियों को अपने वश में करना। क्योंकि आज जीवन की तमाम तकलीफें इसी वजह से है कि हम वही देखते सुनते और चाहते है जो समाज में किसी भी रूप में प्रचलन में है। अच्छे या बुरे की सोच हमने कही एक ओर परे रख दी है। पूर्व योजना और संचय एक माध्यम है जिस से आप बहुत सी बिगड़ जाने वाली परिस्थितियों को पहले ही सुधार के बेहतर तरीके से अपने जीवन में प्रवेश करा सकते हैं। इसी लिए सब से पहले अपने मन और मस्तिष्क को तैयार होने का समय दें। जिस से वह किसी भी कार्य के पूर्व और आगामी परिणामो का विश्लेषण कर के उसे क्रियान्वित कर सकें। 
                    योजना या तैयारी एक ऐसा हथियार है जिस से बड़ी से बड़ी बाधा की जंग जीती जा सकती है। इस के पश्चात एक और महत्वपूर्ण तत्व है निर्णय , पूर्वनियोजित कार्य को निपटाने के लिए आप कब कैसे और कहाँ निर्णय लेतें हैं। ये भी अति आवश्यक मुद्दा है। अब आप सोचेंगे की इस सब में संचय कहाँ से आया …………तो देखिये अच्छे विचारों,व्यक्तियों ,निर्णयों और योजनाओं को मन मस्तिष्क में संचित करना सीखें।  जो समय असमय आप को राह दिखाएंगी। भविष्य में आप को योजनाओं के लिए सफलता के सूत्र बताएंगी। इस लिए ये सत्य है कि ख़ुशी हमारी उन गतिविधियों का परिणाम है जो हम दैनिक जीवन को चलायमान रखने के लिए करते हैं। 

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