धर्म की राह पर चलने की शक्ति
धर्म जी राह पर चलने की शक्ति: ••••••••••••••••••••••••••••• जैन समाज की एक बहुत प्यारी नवयुवती ने त्याग का मार्ग चुना , तब उसके लिए ये चंद पँक्तियाँ लिखी.....💐
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" एक छोटी सी प्यारी बच्ची अंकिता "
कुछ समय पहले तक जिसके अलग थे सपने
कुछ करने और कुछ पाने की कोशिश थी
और साथ खड़े प्यार करने वाले सभी अपने
कोई तो संदेश आया होगा जिसने जीवन का उद्देश बताया
राह दिखाई और आत्मसयंम का महत्व समझाया
जिससे स्थितियां बदल गईं...जो मन बदला
आज इस प्यारी बच्ची का मन त्याग के मार्ग पर चला
विरले होते है वह लोग जो मोहमाया को तोड़ पाते हैं
सांसारिक जंजालों से निकल परमात्मा से स्वयं को जोड़ पाते हैं
भौमिक वस्तुओं की लालसा में ही सांसारिक होने की चाह है
जबकि लौकिकता से विमुखता ही ईश्वर की ओर की राह है
उम्र मायने नहीं रखती, सिर्फ़ सच्ची सोच की क़ीमत होती है
त्याग-तपस्या के मार्ग को चुनना एक सदाशय व्यक्तित्व की नीयत होती है
ढेरों सुभाशीष.....लक्ष्य प्राप्ति और संयम पथ पर डिगे रहने को
सभी अपनों का स्नेह , उनके मध्य ईश्वर का दूत बनकर टिके रहने को
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