
कश्मीर उड़ी में शहीद हुए उन तमाम सैनिकों के नाम एक नमन......!
********************************अब की बार जो वह आया था ,
ठहरा था बस कुछ ही दिन।
वो कुछ दिन भूल सके न हम ,
कैसे गुजरेंगे दिन तेरे बिन।
कह के गया था अगली बार ,
बिट्टो के खिलौने लाऊंगा।
क्या उसे पता था अबकि बार ,
अर्थी पर चढ़ कर जाऊंगा ?
हमने भेजा था उसे वहाँ ,
जहाँ सब की रक्षा की बात थी .
पर अपने लिए क्यों सोचा ना ,
की भविष्य में काली रात थी।
पीछे रह गए जो अपने अब ,
वो कैसे जीवन जी पायेंगे।
दिल की यादों को तस्वीर से ,
यूँ ही बहला कर सहलाएंगे।
क्यों समझी नहीं है वह पीड़ा,
जो चिता सुलगते सुलगी है।
घर परिवार की भूख में छिपी ,
तकलीफ बन कर छलकी है।
हमें क्यों फर्क नहीं पड़ता ,
क्यों हमारा चूल्हा बुझा नहीं।
जाने कितने ही दिन से पर ,
उस घर का चूल्हा जला नहीं।
अब अब कभी नहीं वो आएगा ,
न हँसते घर को बसाएगा।
हम यूँ ही तकते रह जायँगे ,
उम्मीदें बन कर तरसायेगा।
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