जीवन का गणित.....!
-------------------------------
वक्त तो रेत की तरह है ,
फिसलता ही जायेगा।
जीवन एक कारवां है ,
जो चलता चला जायेगा।
मिल जायेंगे कुछ खास रिश्ते ,
इस सफर के दरमियान ,
सहेज लेना उन्हें ,
वर्ना जाने के बाद कोई ,
लौट के ना आएगा।
जो प्राप्त है वह पर्याप्त है ,
यही हिसाब सुकून लाएगा ,
बेहिसाब के फेर में ,
पाया सुख बलि चढ़ जायेगा।
ख़ूबसूरती हर उस पल में है ,
जो पास रह जायेगा।
खुशियां उस कल में नहीं ,
जो हाथ से फिसल जायेगा।
-------------------------------------
-------------------------------
वक्त तो रेत की तरह है ,
फिसलता ही जायेगा।
जीवन एक कारवां है ,
जो चलता चला जायेगा।
मिल जायेंगे कुछ खास रिश्ते ,
इस सफर के दरमियान ,
सहेज लेना उन्हें ,
वर्ना जाने के बाद कोई ,
लौट के ना आएगा।
जो प्राप्त है वह पर्याप्त है ,
यही हिसाब सुकून लाएगा ,
बेहिसाब के फेर में ,
पाया सुख बलि चढ़ जायेगा।
ख़ूबसूरती हर उस पल में है ,
जो पास रह जायेगा।
खुशियां उस कल में नहीं ,
जो हाथ से फिसल जायेगा।
-------------------------------------
Comments
Post a Comment