मैं औरत हूँ ...👵

मैं औरत हूँ ....☺️👰
★★★★★★★★

समय आज सबके लिए बदला
पर मेरे लिए तो वही है।
जिंदगी की रफ्तारें रुकी ,
पर मेरी रसोई चल रही है।
      मैं औरत हूँ ये फक्र है मुझे ,
      क्योंकि सबको भर रही हूं ।
      सबके खालीपन के मर्ज़ को,
      भोजन के स्वाद से तर कर रही हूं।
सबकी ऊब को खुशनुमा कर,
कुछ नया सा रंगीन कर रही हूं।
घरेलू कामों में मनचाही रुचि से,
सहभागी होने का अवसर दे रही हूँ।
      औरत हूँ,जो सन्तोष और निष्ठा से,
      आज घर को दुनिया बना रही हूँ ।
      प्यार के साथ सीमित संसाधनों में,
       हमेशा खुश रहना सीखा रही।
ये कुछ दिनों के अलगावी जीवन,
जीने का महत्व समझा रही हूँ।
पतिवर्तन को नया समझ कर,
रिश्तों में जीने की खुशी दिखा रही हूँ। 
       औरत होने से मेरा घर ही मेरी दुनिया है,
        ये आभास सभी को दिला रही हूँ ।
        मसालों की खुशबू से रोचकता बढ़ाकर,
        समय की वीरानी को भुलवा रही हूँ। 
मैं औरत हूँ ये फक्र है मुझे ,
क्योंकि सबको भर रही हूँ ।
जिंदगी को नए ढंग से जीने का ,
सबके लिए अवसर गढ़ रही हूं। 
        
        
        
       













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