Thought to be happy ☺️

खुश रहने के वास्ते परखने की कला ...!!
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हम रोज़ रोज बहुत सी स्थिति -परिस्थिति से गुजरते हैं । हम उसी आधार पर "Thought to be happy" का निर्धारण करते हैं। लेकिन इन सब के बीच जो important point है। वह है स्थितियों को और उस स्थिति से जुड़े व्यक्ति को परखने की कला....। अर्थात हम उस स्थिति का आंकलन यदि वर्तमान के आधार पर कर रहें होंगे तो हम भविष्य में उसके  consequences  का अंदाज़ा नहीं लगा सकते।  
   यह समझने वाली बात है। एक उदाहरण से इसे समझते हैं। हम किसी के भी संपर्क में आये तो हमने उनके व्यवहार का अंदाज़ा वर्तमान के आधार पर लगाया। मतलब उस समय हमारी mental situation और साथ ही उनकी भी mental situation किस तरह की थी जो हमारे आपसी व्यवहार में reflect हुई। खुद को कोई भी गलत नहीं समझता ऐसे में जो भी व्यवहार दोनों के बीच हुआ उसमें समस्या के लिए दूसरे को अगर गलत मानते हैं । तो भविष्य में इसके consequence  कैसे होंगे ? मन मे उस व्यक्ति के पीछे खटास आई। आगे से उससे मिलने को कतराएंगे। 
     बस यही समझना जरूरी है कि अगर खुश रहना चाहते हैं तो स्थिति -परिस्थिति को परखतें हुए सिर्फ वर्तमान का नहीं सोचा जाए उसके भबिष्य के  consequences  सोच कर मन मे कोई धारणा बनाई जाए। तो सम्बन्द्ध और भविष्य दोनों अच्छा बना रहेगा।

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