गर्व है कि मैं इंसान हूँ : 👍

 गर्व है कि मैं इंसान हूँ : 👍       •••••••••••••••••••••••

मुझे गर्व है कि मैं इंसान हूँ । मैनें इन मुद्दों पर खुद को परखा और ख़रा पाया। चलिए आज एक छोटा सा टेस्ट करते हैं । वो टेस्ट जिससे ये पता चलेगा कि हम में इंसानियत कितने प्रतिशत है और हम उस इंसानियत से कब कैसे स्थितियाँ संभालते हैं : ........

1- क्या कभी ठेले से सब्ज़ी या फल खरीदते समय  या अन्य कोई  छोटी मोटी खरीदारी करने पर दो चार या पांच रुपये कम पड़ जाने पर बाद में दे देंगे का वादा करके आप अगली बार याद से उसे वह देते हैं                         

2 - क्या कभी आपके किसी काम वाले या मातहत ने कोई इच्छा आपके सामने रखी हो तो वह आपको पूरी करने के लिए याद रहती है और आप उसका विश्वास खुद पर बना रहने देने के लिए वह जरूरत पूरी करते है 

3 - आप 80 से 90 फीसदी सच ही बोलते हैं। और बचा हुआ प्रतिशत अगर झूठ कहा भी तो वह किसी को दुःखी होने से बचाने या परिस्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए बोला है।

4 - क्या कभी कोई दुःखी ख़बर पढ़ते समय आपका दिल कचोटता है ? उस दुख से खुद को जोड़ते हुए क्या वह दुःख आपने खुद के अंदर भी उमड़ता पाया है ?

5 - क्या आपने कभी अपनों की क़ीमत ज़्यादा और उनके आगे अपने पैसों को छोटा समझा है ? उनकी जरूरतों पर उन्हें मदद के लिए तुरंत हाथ बढ़ाया ।

6 - क्या कभी किसी अनजान आकस्मिक दुर्घटना के समाचार सुनने से भी मन को धक्का लगा हुआ पाया और आंखें अचानक भर आईं हो जबकि उन्हें जानते पहचानते भी नहीं .......

7 - क्या कभी ये महसूस किया कि दो शब्द आदर से कहने या बाबू भईया बोल कर किसी को प्यार दे देने से आप का बैंक एकाउंट खाली नहीं होता....

8 - इंसानियत और ईमानदारी दोनों गाड़ी के दो पहिये हैं। इसलिए कभी दिल से हर परिस्थिति के लिए ईमानदारी से सोचने निर्णय लेने के लिए ख़ुद को तैयार किया ?

सोचिए और महसूस करिये क्योंकि मैं ख़ुद को इंसान इसलिए मानती हूं क्योंकि इन सारे मुद्दों पर मैं खुद को तौल कर परखती हूँ। और खुशी है कि मैं इस परीक्षा के सभी सवालों में पास होती हूँ।           

         Proud to be human first

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