उम्र के अंतर का दर्द : 😞
उम्र के अंतर का दर्द : 😔 ••••••••••••••••••••••••
कई दिनों बाद एक ऐसे विषय पर लिखने जा रही हूँ जिसे सिर्फ हिंदुस्तान में ही जाना और माना जाता है। जिस के वजूद की अहमियत को बेवजह स्वीकार कर के उसे जिंदगी का हिस्सा बनाया जा रहा है। इस का एक प्रमुख कारण है बेटियों को अनचाहा मानना। बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था 'save the girl child' ने एक सर्वे के बाद अपनी ताजा रिपोर्ट में ये बताया है कि आज प्रति सात सेकंड में एक कम उम्र की किशोरी एक अधेड़ के साथ ब्याह दी जाती है। इस समस्या का सबसे दुखद पहलु यह है की एक तो वह बच्ची बहुत ही कम उम्र की है दूसरे पति के रूप में उसे एक वयस्क पुरुष मिला है। वह बच्ची वैवाहिक रिश्तों उससे जुडी शारीरिक समस्याएं आदि के बारे में कुछ नहीं जानती। जबकि उस पुरुष के परिपक्व होने और सब बातों की जानकारी होने से वह बच्ची के साथ सब कुछ करता है और उसका मनचाहा इस्तेमाल करता है।
जैसलमेर में हमारे एक परिचित के पड़ोस में एक विधवा महिला रहती हैं एक दिन उनकी कहानी सुन कर दिल दहल गया। उनका विवाह 8 साल की उम्र में एक २७ साल के युवक से कर दिया गया। उस बच्ची को कुछ भी पता नहीं था। सो वह विवाह के बाद सम्बन्ध बनाए के दौरान चीखने लगती। सामूहिक परिवार होने की वजह से वह युवक रात को उस बच्ची को घूमाने के बहाने रेत के धोरों की ओर ले जाता और उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता। वह बच्ची दर्द से चीखती रहती, पर वहाँ सुंनने या मदद करने वाला कोई नहीं था और वह युवक अपनी जरूरत पूरी कर लेता। इसी तरह एक लंबा अरसा गुजरता गया। बाद में उस अधेड़ को शराब की लत लग गयी और उस बच्ची के वयस्क होने तक उसे तीन चार बच्चे की माँ बना कर वह मर गया।आज वह महिला अपने पुराने दिनों को याद कर के सिर्फ रोती रहती हैं। इस घटना से ये अभ्यास होता है कि माता पिता बेटी को बोझ समझ कर उससे जल्दी छुटकारा पाने की फ़िराक में कही भी ब्याह कर मुक्त होना चाहते है। बाल विवाह कानूनन अपराध है पर उससे भी बड़ा अपराध मुझे लगता है की एक बहुत ही कम उम्र की बच्ची को एक वयस्क या अधेड़ के साथ ब्याह देना। जो उसे नोचने और खोखला करने में कोई कसार नहीं छोड़ता। उम्र का अंतर जानकारी और उत्सुकता को बढ़ाता हैं।जो की पुरुष के केस में भयावह हो जाता है। जबकि एक छोटी बच्ची को सिर्फ खेलने और मस्ती के अलावा कुछ नहीं सूझता। इस लिए विवाह के समय उम्र का सही होना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक है होने वाले पति की उम्र में अंतर। जो की बराबरी की साझेदारी बैठाता है। जिससे वैवाहिक जीवन सुखमय हो सकता है।
जैसलमेर में हमारे एक परिचित के पड़ोस में एक विधवा महिला रहती हैं एक दिन उनकी कहानी सुन कर दिल दहल गया। उनका विवाह 8 साल की उम्र में एक २७ साल के युवक से कर दिया गया। उस बच्ची को कुछ भी पता नहीं था। सो वह विवाह के बाद सम्बन्ध बनाए के दौरान चीखने लगती। सामूहिक परिवार होने की वजह से वह युवक रात को उस बच्ची को घूमाने के बहाने रेत के धोरों की ओर ले जाता और उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता। वह बच्ची दर्द से चीखती रहती, पर वहाँ सुंनने या मदद करने वाला कोई नहीं था और वह युवक अपनी जरूरत पूरी कर लेता। इसी तरह एक लंबा अरसा गुजरता गया। बाद में उस अधेड़ को शराब की लत लग गयी और उस बच्ची के वयस्क होने तक उसे तीन चार बच्चे की माँ बना कर वह मर गया।आज वह महिला अपने पुराने दिनों को याद कर के सिर्फ रोती रहती हैं। इस घटना से ये अभ्यास होता है कि माता पिता बेटी को बोझ समझ कर उससे जल्दी छुटकारा पाने की फ़िराक में कही भी ब्याह कर मुक्त होना चाहते है। बाल विवाह कानूनन अपराध है पर उससे भी बड़ा अपराध मुझे लगता है की एक बहुत ही कम उम्र की बच्ची को एक वयस्क या अधेड़ के साथ ब्याह देना। जो उसे नोचने और खोखला करने में कोई कसार नहीं छोड़ता। उम्र का अंतर जानकारी और उत्सुकता को बढ़ाता हैं।जो की पुरुष के केस में भयावह हो जाता है। जबकि एक छोटी बच्ची को सिर्फ खेलने और मस्ती के अलावा कुछ नहीं सूझता। इस लिए विवाह के समय उम्र का सही होना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक है होने वाले पति की उम्र में अंतर। जो की बराबरी की साझेदारी बैठाता है। जिससे वैवाहिक जीवन सुखमय हो सकता है।
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