एक आने वाला सच......!!!
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यह सुन कर डॉक्टर भी निरुत्तर हो गई । सच ही तो है । वो भी एक महिला है बेटियों की माँ है । उसने भी यही माना कि कन्या भ्रूण होने पर आगे होने वाले तमाम गर्भपातों का कारण अब से यही होगा । आखिर माँ बाप कब तक और कहाँ तक बेटी की ढाल बन सकेंगे ...!!!
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एक ऑडियो मैसेज का विवरण देखें , जिसमें एक व्यक्ति एक महिला डॉक्टर को फ़ोन कर के बताता है कि उसकी पत्नी गर्भवती है और उन्होंने जांच करवा के यह पता कर लिया कि गर्भ में लड़की है। वह गर्भपात करवाना चाहते हैं। डॉक्टर ने पहले तो ये समझा की जरूर कोई जटिलता है। परन्तु यह कहने पर कि उन्हें ये कन्या के रूप में बच्चा नहीं चाहिए, सुन कर बहुत नाराज हो गयी। लगभग चिल्लाते हुए उसने व्यक्ति को डाँटा और कहा कि यदि मैं इस की शिकायत कर दूँ तो आप को जेल हो सकती है। आप ये सोच भी कैसे सकते है ? आज ये एक अपराध की श्रेणी में आता है। आप जैसे पढ़े लिखे लोगों से इस तरह की सोच की उम्मीद भी नहीं की जानी चाहिए। फिर उसने यह भी पूछा की जरूर आप को लड़के की चाह होगी तभी आप लड़की को गर्भ में ही मारना चाहते हैं। तब उस व्यक्ति ने कहा कि मैडम चाहिए तो बेटी ही , पर उसे जन्म नहीं लेने देना चाहता हूँ। डॉक्टर ने फिर पूछा कि फिर ये निर्णय ....आखिर क्यों ??? तब उस व्यक्ति ने जवाब दिया कि "जन्म के बाद वह किसी वहशी पुरुष द्वारा कुत्ते की तरह नोच कर बलात्कार कर दी जाए। यह मैं नहीं देखना चाहता। "सुन कर डॉक्टर भी व्यथित हो गयी। फिर उस व्यक्ति ने आगे कहा की पहले बेटी होने पर गर्भपात कराए जाने की बहुत सी वजहें रही होंगी ....जैसे इसे पढ़ाऊंगा कैसे , विवाह के लिए दहेज़ कहाँ से लाऊंगा वगैरह वगैरह। पर अब वह सभी कारण तो बहुत आगे के हैं । जिन्हें तभी सोचा विचारा जाएगा जब वह किसी वहशी पुरुष की वासना का शिकार होने से बच कर बड़ी हो पायेगी या जिंदा बच पाएगी । एक बेटी को साथ ले कर जीने में हर पल एक अनजाना सा डर मन में उमड़ता घुमड़ता रहता है । बाहर निकले तो डरो , घर में अकेली रहे तो डरो , ज्यादा पढ़ने लिखने की जिद करे तो डरो , रिश्तेदारों के साथ भी अनदेखा भय लगा ही रहे । ऐसे में बेटी के साथ मस्त हो कर जीने का सुख कैसे उठाया जाए ।
यह सुन कर डॉक्टर भी निरुत्तर हो गई । सच ही तो है । वो भी एक महिला है बेटियों की माँ है । उसने भी यही माना कि कन्या भ्रूण होने पर आगे होने वाले तमाम गर्भपातों का कारण अब से यही होगा । आखिर माँ बाप कब तक और कहाँ तक बेटी की ढाल बन सकेंगे ...!!!
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