सोशल मीडिया की बीमारी..........!!
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आजकल का यह भी चलन हो गया है की हम सोशल मीडिया पर अपडेटेड रहें। कही भी जाएँ या कुछ भी अलग करें तो सबको बताने के लिए उसकी फोटोज और डिटेल्स तुरंत ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दें। लाइक्स का इंतज़ार करें। और खुद को चर्चित पा कर गर्व महसूस करें। यह सामान्य हो गया है। परन्तु इस के फायदे से कहीं ज्यादा नुकसान है। जिसे हम जान कर भी अनदेखा करते हैं। क्योंकि हम चलन में रहने का मोह छोड़ नहीं पातें। आखिर वह कौन सा लालच है जो हमें यह सब करने के लिए उकसाता है ???
इंसान के मन में हमेशा यह इच्छा रहती है कि वह दूसरों से अलग और अनूठा दिखे। इस के लिए वह बहुत कुछ करता है। उसमें से ही एक है सोशल मीडिया पर अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को खास बना कर फोटोज डालना। यह सही नहीं है। पहला तो फोटोज को कभी भी सोशल नेटवर्किंग साइट से उठा कर उसके साथ छेड़ छाड़ की जा सकती है। दूसरा क्या यह आवश्यक है कि अपनी प्राइवेसी को सरेआम खुल्ला किया जाएँ। हमारी जिंदगी हमारी खुद की है। कही जा कर अगर हम कुछ एन्जॉय करते हैं तो उसका सुख हम खुद ही उठाते है। इसमें दूसरों को यह बताना क्यों आवश्यक है कि हम फलाना जगह घूम रहें हैं ?? कुछ बातें हमारे खुद तक रहें तो अच्छी लगती है।
इसी बातों का फायदा आस पड़ोस रहने वाले लोग भी उठाते हैं जिन्हे यह आभास हो जाता है कि अमुक व्यक्ति घर से बाहर है। तो चोरी डकैती और सेंधमारी होना तो लाजमी है। स्टेटस अपडेट करना कोई बहुत अच्छे आदतों में शुमार इस लिए भी नहीं किया जा सकता कि अपनी उपस्थिति का ब्यौरा देना अच्छा नहीं होता। इस लिए यह आदत थोड़ी सी छोड़ी जानी आवश्यक है। छोड़िये और फिर अपने घूमने फिरने का मज़े से आनंद उठाइये।
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आजकल का यह भी चलन हो गया है की हम सोशल मीडिया पर अपडेटेड रहें। कही भी जाएँ या कुछ भी अलग करें तो सबको बताने के लिए उसकी फोटोज और डिटेल्स तुरंत ही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दें। लाइक्स का इंतज़ार करें। और खुद को चर्चित पा कर गर्व महसूस करें। यह सामान्य हो गया है। परन्तु इस के फायदे से कहीं ज्यादा नुकसान है। जिसे हम जान कर भी अनदेखा करते हैं। क्योंकि हम चलन में रहने का मोह छोड़ नहीं पातें। आखिर वह कौन सा लालच है जो हमें यह सब करने के लिए उकसाता है ???
इंसान के मन में हमेशा यह इच्छा रहती है कि वह दूसरों से अलग और अनूठा दिखे। इस के लिए वह बहुत कुछ करता है। उसमें से ही एक है सोशल मीडिया पर अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को खास बना कर फोटोज डालना। यह सही नहीं है। पहला तो फोटोज को कभी भी सोशल नेटवर्किंग साइट से उठा कर उसके साथ छेड़ छाड़ की जा सकती है। दूसरा क्या यह आवश्यक है कि अपनी प्राइवेसी को सरेआम खुल्ला किया जाएँ। हमारी जिंदगी हमारी खुद की है। कही जा कर अगर हम कुछ एन्जॉय करते हैं तो उसका सुख हम खुद ही उठाते है। इसमें दूसरों को यह बताना क्यों आवश्यक है कि हम फलाना जगह घूम रहें हैं ?? कुछ बातें हमारे खुद तक रहें तो अच्छी लगती है।
इसी बातों का फायदा आस पड़ोस रहने वाले लोग भी उठाते हैं जिन्हे यह आभास हो जाता है कि अमुक व्यक्ति घर से बाहर है। तो चोरी डकैती और सेंधमारी होना तो लाजमी है। स्टेटस अपडेट करना कोई बहुत अच्छे आदतों में शुमार इस लिए भी नहीं किया जा सकता कि अपनी उपस्थिति का ब्यौरा देना अच्छा नहीं होता। इस लिए यह आदत थोड़ी सी छोड़ी जानी आवश्यक है। छोड़िये और फिर अपने घूमने फिरने का मज़े से आनंद उठाइये।
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