रफ़्तार की थमी हुई जिंदगी...✋

रफ़्तार की थमी जिंदगी....! !
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मौत के डर से ही सही ,
जिंदगी को फुर्सत तो मिली ।
सड़कों को राहत और ,
घरों को रौनक तो मिली ।

घर की छतों से ही सही ,
आसमा की रंगत तो दिखी।
खिड़कियों के रास्ते ही , 
हल्की साफ़ हवा तो बही ।

रफ़्तार थम कर ही सही ,
असल मंजिल तो मिली।
खामोश कर फ़िज़ा को ,
चिड़ियों की बोली तो सुनी।


थोड़ा सुस्ता कर ही सही ,
जिंदगी के लिए जंग तो लड़ी।
अदना औकात है आदमी की
कायनात ने ये बात कही तो सही।

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