दिल दिमाग की जंग ....💬❣️🤦
दिल-दिमाग की जंग में ,
हारता सिर्फ़ इंसान है ।
सोच और भावना की ,
ये रंजिशें आम हैं। (1)
चुन पाने की कोशिश ,
उथलपुथल के हालात।
कर देते हैं सुकून को ,
बीते दिनों की बात । (2)
ये सच ही है कि दिल ,
यूँ ही सिर्फ़ बहलाता है ।
सच्चाई और वर्तमान की ,
ओर से आँखें चुराता है।(3)
दिमाग़ जो महसूस करता है,
वह बार बार समझाता है।
और अमल करने के लिए ,
दिल को फुसलाता है।(4)
फ़िर भी ढ़ाई सौ ग्राम का दिल,
हमेशा ही भारी पड़ता है ।
चार सौ ग्राम के दिमाग की ,
दही करता रहता है।(5)
बहुत खूब ,सूंदर अभिव्यक्ति ।
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