ग़लत दोस्ती और वहशियत का नाता भाग -2

ग़लत दोस्ती और वहशियत का नाता...............!! ( भाग -2 )

पहले के अंक में मोनू के अपने दोस्त के भ्रमित जाल में फंस कर माता मिटा बहन नानी और मामा की हत्या का का काला घटनाक्रम जाहिर किया। ये कोई कहानी नहीं हरियाणा के रोहतक जिले की सत्य घटना थी। जिसमें नुकसान सिर्फ मोनू और उसके परिवार का हुआ। जिस दोस्त की शह पर ये सब हुआ वह आज़ाद और मस्त घूम रहा है। क्योंकि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं कि मोनू को इस कदर विरोधी बन जाने के लिए उसने उकसाया था।                                                  आज कल के बच्चों के लिए उनके दोस्त ज्यादा imp है। क्योंकि उनसे उनकी सोच मिलती है। मां बाप जो हर बार सही सलाह देकर ठोकर खाने से बचाते हैं वह उन्हें अपने रास्ते का पत्थर समझते हैं । उनकी जरूरत बस जरूरतें पूरी करने के लिए भर होती है। वही जरूरतें उन्हें अय्याश बनाती है। हम मां बाप अपने बच्चों की खुशी के लिए उनकी इच्छाओंका मान रखते है। पर ये भी उनको पैदा किये जाने के बाद की जिम्मेदारी दिखती है।                                   


 
दोस्त आखिर इतने प्यारे क्यों हो जाते हैं कि उनके लिए माँ बाप की बलि चढ़ाने से भी पीछे हटा नहीं जाता है ? ? इसका जवाब उनकी जीवनशैली में छुपा होता है। जो बच्चा जितना बाहर रहना , मां बाप से बातें छुपाना , अच्छी खासी रकम खर्च करना और अपने circle के बारे में कभी भी जिक्र ना करना आदि करता हो तो यकीनन वह गलत संगत में फंस चुका है। जिसके बारे में उसे अभिभावकों को बताना जरूरी नहीं लगता। और वह बिगड़ैल दोस्त ये चाहते ही हैं कि वह बच्चा अपने घर से दूरी बना कर रखे जिससे उसके दिमाग को पूरी तरह अपने वश मरण किया जा सके। वश में करने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि वह अपने फायदे के लिए जो चाहे करा सकते हैं। चाहे घर से पैसा लाना हो , उनसे अनाप शनाप खर्च करवाना हो, कोई गलत काम करने के लिए उन्हें ही आगे करना हो या अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करना हो। ज्यादातर दोस्त ऐसे ही होते है। पर जब तक उनकीसच्चाई समझ आती है तब तक इतनी देर हो चुकी होती है कि जिंदगी खराब होने के कगार पर पहुंच चुकी होती है और वहां से वापस लौटना नामुमकिन सा होता है।                       ★◆★◆★◆★◆★◆★◆★◆★◆★ 








 


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