इंसान होने के गुण

 इंसान होने के गुण...!!       ~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~

चलिए आज राजनीति से इतर थोड़ी सामाजिक बातें करते हैं। इस के जरिये एक इंसान होने के गुणों की जांच पड़ताल करते हैं ।                                                                 एक इंसान होने के लिए बेशक़ किन किन गुणों का होना जरूरी है उनका सिलसिलेवार वर्णन प्रस्तुत है......

पहला है लिहाज़ .....इंसान वही है जिसके अंदर आसपास घिरे सभी के प्रति लिहाज़ हो। जिससे वह जो भी कुछ करें ये सोच कर करें कि मेरे इस कार्य से क्या कोई दूसरा व्यथित या प्रभावित तो नहीं हो रहा। 

दूसरा गुण है जिम्मेदारी..वह जो भी है जैसा भी है उसे अपनी उस जगह पर रहते अपनी नैतिक जिम्मेदारीयों का अहसास होना चाहिए। जिससे उसके द्वारा किये जा रहे कामों में सबकी संतुष्टि देखी जा सके।

तीसरा गुण है ईमानदारी....व्यक्ति जो भी कार्य करें उसमें उसके व्यक्तित्व की ईमानदारी झलकनी चाहिए। क्योंकि आंतरिक ईमानदारी कार्य और समाज में व्यवहार का स्तर बेहतर बनाये रखने में सहायक होती हैं।

चौथा गुण है मानवीयता.... इंसान अगर स्वयं के अंदर मानवीयता का गुण नहीं रखता तो वह पशु समान है। ईश्वर से सभी को एक जैसा शरीर दे कर बनाया। तो दर्द और सुख दुःख भी एक जैसे ही महसूस होते हैं। अपनी ही तरह दूसरे की भी पीड़ा समझी जाए तो ही सही मायनों में व्यक्ति इंसान है।

पांचवा गुण है संतुष्टि.....एक इंसान होने के नाते सबसे बड़ा गुण संतुष्टि है जिसने इसे अपना लिया वो सबसे ज्यादा सुखी हो गया। क्योंकि और अधिक से अधिक पाने की चाह ही व्यक्ति को ज्यादा और ग़लत की हद तक जाने को उकसाती है।                                                           हालांकि ये भी सत्य है कि व्यक्ति में इन गुणों के होते हुए भी कभी कभी परिस्थितियां उसे उसके निश्चय से डिगाती हैं। पर अपने व्यक्तित्व की खूबियों पर दृढ़ रहने वाला व्यक्ति सफलता अपने गुणों से ही पाता है। 

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