मौन भी जरूरी है
मौन भी जरूरी है : ~~~~~~~~~~~~~
खुद को अभिव्यक्त करना सबको अच्छा लगता है और यही माध्यम है अपनी शख्सियत को सबके समक्ष प्रस्तुत करने का। पर हमेशा बोलते रहना हमेशा अच्छा नहीं होता। क्योंकि अक्सर ज़्यादा बोलने की जुगत में हम बहुत कुछ अनर्गल बोल जाते हैं। जिसकी आवश्यकता नहीं होती।
मौन अपने आप में संचार का एक सशक्त माध्यम है। जब हम किसी की बात का कोई जवाब ना दे तो वह उत्तर ना बोले जाने पर भी अपना प्रभाव छोड़ता है। मौन नए विचारों को जन्म देने के ताकत रखता है। क्योंकि मन शांत होने पर ही उसमें नई ऊर्जा भरती है। और वही ऊर्जा उत्पादक परिणाम के रूप में सामने आती है।
आज हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे जहां नए नए distraction जैसे ईमेल , मैसेजेस, सोशल मीडिया, आदि बहुत से माध्यम हमें खुद से विरक्त करते रहते हैं ऐसे में मौन इनसे दूरी बनाने और कुछ नया create करने में सहायक होता है।
मौन खुद से खुद की बातों का एक बढियाँ माध्यम है। चुप रहकर खुद से बहुत बातें की जा सकती हैं। बहुत सी जिज्ञासाओं का हल ढूंढा जा सकता है। कुछ बेहतर करने के लिए खुद को प्रेरित किया जा सकता है।
मौन अपनी सांसों की कीमत बताता है। क्योंकि मौन में ही हम उन सांसों पर केंद्रित होते हैं जिनसे जीवन चल रहा।
अतः मौन जरूरी है। जीवन में ठंडे सुकून शांति और creativity के लिए मौन को साथी बनाये।
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