सुविधाओं का सदुपयोग ....😊
सुविधाओं का सदुपयोग …………!
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आज के समय में facebook या whatsapp लोगों के जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल हो गया है। जब देखो थोड़ा सा भी खाली समय मिलने पर फटाफट chatting शुरू हो जाती है। इसे अगर सकारात्मक रूप में देखें तो ये एक अच्छा माध्यम है लोगों से जुड़े रहने का। उनसे अपनी भावनाएं बाँटने का और सुख दुःख जानने का। पर न जाने क्यों मुझे ऐसा नहीं लगता। आज इन सब की वजह से ही इंसान स्वकेंद्रित हो गया है। और जो सब से बड़ी बात मुझे हमेशा अखरती है। वह है इन सुविधाओं का लाभ बिना वजह की बेतर्किक बातों के लिए उठाना। अर्थात अनुपयोगी jokes , messages और videos जिनका कोई भी तार्किक महत्व नहीं होता, share करना ।
किसी भी चीज की उपयोगिता हम उसके प्रयोग से सिद्ध करते है। जैसे अगर आप net का उपयोग किसी अच्छी जानकारी के लिए करेंगे तो यह आप के लिए फायदेमंद रहेगा। जबकि यही net गलत कार्यों के लिए जीवन की गलती बन जाता है। इसी तरह आज Facebook या whats app को लोगों ने सिर्फ मनोरंजन का जरिया बना दिया है। हाँ मैं ये मानती हूँ कि आप दूर रहकर भी अपनी गतिविधियों को इन के जरिये दूसरों के साथ बाँट सकते हैं। पर अगर हो सके तो इसका प्रयोग कुछ सार्थक के लिए भी किया जा सकता है। कुछ ऐसे ग्रुप बनायें जो अच्छी सोच या अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहित करें। यदि आप किसी समूह के सदस्य है तो उस समूह में लोगो के बीच जागरूकता ला कर समूह की भलाई के नए नए तरीके सुझाये जा सकते हैं। करना चाहे तो व्यक्ति बहुत कुछ कर सकता है। पर इसके लिए उसे मन से तैयार होने की आवश्यकता है। मैं ऐसे किसी भी समूह की सदस्य बनना पसंद नहीं करूंगी जो फालतू के jokes , forwarded messages , या senseless videos भेजने में समय गवातें हो। जबकि थोड़ी मिली जिंदगी में मुझे खाली समय में हमेशा कुछ creative करने की चाह लगी रहती है। अपनी अपनी सोच है और मेरी सोच यही कहती है कि यदि खाली हो तो कुछ सकारात्मक सोचो जो या तो तुम्हारा खुद का या तुमसे जुड़े अन्य लोगों का भला कर सके।
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आज के समय में facebook या whatsapp लोगों के जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल हो गया है। जब देखो थोड़ा सा भी खाली समय मिलने पर फटाफट chatting शुरू हो जाती है। इसे अगर सकारात्मक रूप में देखें तो ये एक अच्छा माध्यम है लोगों से जुड़े रहने का। उनसे अपनी भावनाएं बाँटने का और सुख दुःख जानने का। पर न जाने क्यों मुझे ऐसा नहीं लगता। आज इन सब की वजह से ही इंसान स्वकेंद्रित हो गया है। और जो सब से बड़ी बात मुझे हमेशा अखरती है। वह है इन सुविधाओं का लाभ बिना वजह की बेतर्किक बातों के लिए उठाना। अर्थात अनुपयोगी jokes , messages और videos जिनका कोई भी तार्किक महत्व नहीं होता, share करना ।
किसी भी चीज की उपयोगिता हम उसके प्रयोग से सिद्ध करते है। जैसे अगर आप net का उपयोग किसी अच्छी जानकारी के लिए करेंगे तो यह आप के लिए फायदेमंद रहेगा। जबकि यही net गलत कार्यों के लिए जीवन की गलती बन जाता है। इसी तरह आज Facebook या whats app को लोगों ने सिर्फ मनोरंजन का जरिया बना दिया है। हाँ मैं ये मानती हूँ कि आप दूर रहकर भी अपनी गतिविधियों को इन के जरिये दूसरों के साथ बाँट सकते हैं। पर अगर हो सके तो इसका प्रयोग कुछ सार्थक के लिए भी किया जा सकता है। कुछ ऐसे ग्रुप बनायें जो अच्छी सोच या अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहित करें। यदि आप किसी समूह के सदस्य है तो उस समूह में लोगो के बीच जागरूकता ला कर समूह की भलाई के नए नए तरीके सुझाये जा सकते हैं। करना चाहे तो व्यक्ति बहुत कुछ कर सकता है। पर इसके लिए उसे मन से तैयार होने की आवश्यकता है। मैं ऐसे किसी भी समूह की सदस्य बनना पसंद नहीं करूंगी जो फालतू के jokes , forwarded messages , या senseless videos भेजने में समय गवातें हो। जबकि थोड़ी मिली जिंदगी में मुझे खाली समय में हमेशा कुछ creative करने की चाह लगी रहती है। अपनी अपनी सोच है और मेरी सोच यही कहती है कि यदि खाली हो तो कुछ सकारात्मक सोचो जो या तो तुम्हारा खुद का या तुमसे जुड़े अन्य लोगों का भला कर सके।
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