भुगतो कि तुम इसी लायक हो !!

भुगतो कि तुम इसी लायक हो !!  ••••••••••••••••••••••••••••• 

ये दर्द , ये तबाही और ये मंज़र सब हमारा ही बनाया है। भुगतो और चाहे कितना भी कराह लो अभी आगे और जीवन भर भुगतोगे। क्योंकि किसी एक को चुनने में तुमने बहुत से ऐसे अपनों को खो दिया जिनकी जिंदगी तुम्हारे लिए एक आंकड़ा नहीं थी। उनका होना तुम्हारे लिए साँसों के आने और जाने के समान था। अब घुटो क्योंकि ये तबाही तुमने खुद चुनी है। तुम्हारे दर्द से कोई नहीं पसीज रहा। अब वो ताकतवर है और तुम बेबस....ये बेबसी तुमने खुद पैदा की है। अपने अधिकार के दुरुपयोग से। सही गलत की पहचान अगर तुम ना कर सके तो इसमें तुम्हारा दोष है। ये दोष ही तुम्हारा पाप बन गया और तुम्हारे अपनों को खा रहा है ।                                                         मेरी एक बुजुर्ग कहा करती थी कि मरने के बाद तो तुम्हारा सब कुछ बच्चे ले ही लेते हैं पर जीते जी उन्हें सब कुछ दे कर सर्वेसर्वा और खुद को असहाय मत बनाओ,  जिंदगी नर्क बना देंगे। बस तुमने यही किया । अपनी पूरी ताकत से एक ऐसे सिस्टम को जन्म दे दिया कि अब वो सिस्टम ही तुम्हें खा रहा है। इस लिए कोई शिक़ायत नहीं , तुम्हें      आगे आने वाली और तमाम परेशानियों को सहने की शक्ति मिले कि तुम उन्हें झेल कर जिंदा रह सको ये ऊपरवाले से दुआ करो .........

      पता है कि तुम हो.....हर कहीं हो

      फ़िर भी कहाँ हो , ये खबर तो हो

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