भ्रमजाल से डॉक्टरी की अहमियत घटाने की कोशिश :

 भ्रमजाल से डॉक्टरी की अहमियत घटाने की कोशिश :    •••••••••••••••••••••••••••••

जो बच्चा दसवीं बारहवीं से ही ख़ुद को डॉक्टर बनते हुए देख रहा हो। उसी के हिसाब से पढ़ाई करते हुए मेहनत कर रहा हो। अपनी मौज, मस्ती , हमउम्र दोस्तों के साथ ऐश को दरकिनार करके इस लक्ष्य पर फोकस कर रहा हो कि किसी तरह मेडिकल का इम्तेहान क्लियर करके वह MBBS में दाखिला ले और फ़िर पाँच साल अथक मेहनत से डॉक्टर बने। लेकिन डॉक्टरी का सिलसिला यही पूरा नहीं हुआ अभी उसे 2 वर्ष का MD और MS भी करना होता है। इसके बाद भी अगर उन्हें किसी खास फील्ड का चयन करना हो जैसे Heart , Pediatric , Gynecology etc...तो उसके लिए अलग से specialization...कहने का अर्थ ये है की तक़रीबन हर बनने वाला डॉक्टर अपने 10 साल झोंख कर सम्पूर्ण डॉक्टर बनता है। बनने के बाद Hippocratic oath  लेकर डॉक्टरी को निभाने का वचन भी देता है। 

ऐसे में कोई अनपढ़ , व्यापारी , धंधेबाज , राजनीतिक मौकापरस्त आकर उनकी इतने वर्षों की मेहनत को ये कह कर मज़ाक बनाये की बनना हो तो मुझ जैसे बिना डिग्री का डॉक्टर बनो। घोर शर्मिंदगी की बात है। कोरोना के समय तो इन मेडिकल योद्धाओं के सहयोग को तो नमन है लेकिन सामान्य दिनों में भी हम जब भी कभी किसी भी शारीरिक परेशानी से जूझते हैं। तुरंत इन्ही के पास जाते हैं। दवा और सलाह लेकर खुद को स्वस्थ करते हैं। इक्का दुक्का डॉक्टरों के खराब व्यवहार की अवांछनीय घटनाओं को छोड़ दें तो ये डॉक्टर हमारे शरीर के बॉडीगार्ड हैं।                                                                                      इस तरह की बातों में जो सबसे ज्यादा चुभने वाली बात है वो है उनके उपयोग किये वर्षों की तौहीन वो भी एक सड़कछाप ढोंगी , अनपढ़ और धंधेबाज तथाकथित बाबा के द्वारा । अगर सही मायनों में ये ख़ुद को देशभक्त मानता तो इस आपदा में अपना साम्राज्य जनता के लिए खोल देता। जैसा कि हिंदुस्तान के 70 से 80 % डॉक्टरों व नर्सों ने किया । उन्होंने तन मन से कोरोना जैसे छुआ छूत की बीमारी में भी सहयोग बनाये रखा।                                          हम सब को इस तरह के बयानबाज़ी की भर्त्सना करनी चाहिए और इनके उत्पादों का बहिष्कार। क्योंकि शुरुआत में योग के नाम पर जो व्यापार का साम्राज्य स्थापित किया गया वो इस लिए नहीं कि तुम अपनी लकीर को बड़ा करने के लिए दूसरे की मेहनत से खींची गई लकीर को मिटाने की कोशिश करो।          

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