अबला नारी हाय तुम्हारी यही कहानी .....😣
अबला नारी हाय तुम्हारी यही कहानी ……!
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
अबला नारी हाय तुम्हारी यही कहानी ,
आँचल में है दूध और आँखों में पानी।
कोख सहेजने की कला की अभिमानी ,
फिर भी क्यों हमेशा अर्थहीन ही जानी ?
बिगड़ते हालातों से लड़ने की ठानी ,
पर खुद को न बचा पाने की कहानी।
सब के लिए देवतुल्ये बनने की मानी ,
खुद पशु सामान जीवन की परेशानी।
एक दायरे में बंद जीवन की स्वामिनी,
निर्भरता का पर्याय बनने की कहानी।
डर डर के जिंदगी जीने की हैरानी ,
खुल के स्वछंद न उड़ पाने की परेशानी।
समाज की अनगिनत रूढ़ियाँ की तनातनी ,
मजबूरी में ही गले पड़ी लगानी।
कौन है जिस ने असलियत मानी ,
सही मायनों में औरत की क़द्र जानी।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
अबला नारी हाय तुम्हारी यही कहानी ,
आँचल में है दूध और आँखों में पानी।
कोख सहेजने की कला की अभिमानी ,
फिर भी क्यों हमेशा अर्थहीन ही जानी ?
बिगड़ते हालातों से लड़ने की ठानी ,
पर खुद को न बचा पाने की कहानी।
सब के लिए देवतुल्ये बनने की मानी ,
खुद पशु सामान जीवन की परेशानी।
एक दायरे में बंद जीवन की स्वामिनी,
निर्भरता का पर्याय बनने की कहानी।
डर डर के जिंदगी जीने की हैरानी ,
खुल के स्वछंद न उड़ पाने की परेशानी।
समाज की अनगिनत रूढ़ियाँ की तनातनी ,
मजबूरी में ही गले पड़ी लगानी।
कौन है जिस ने असलियत मानी ,
सही मायनों में औरत की क़द्र जानी।
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
Comments
Post a Comment