एक छोटा सा विनम्र निवेदन ...🙏
एक छोटा सा विनम्र निवेदन……………।
जैसा की मैंने पहले के आलेखों में जिक्र किया है कि कुछ पारिवारिक और सामाजिक व्यस्तता के कारण आलेखों की निरंतरता बाधित होती है यकीन माने कि ये मेरे लिए भी कष्टदायी है। एक सामाजिक जीवन जीने की मजबूरी आप भी बेहतर जानते होंगे। आप को दैनिक सुकून नहीं दे पा रही क्षमा पार्थी हूँ। मेरा ऐसा मानना है कि आप यदि मेरे आलेखों को चाहते है तो उपलब्ध तमाम आलेखों में से कोई भी आलेख नियमितता बनाये रखने के चुन सकते है। मेरी कोशिशों के परिणामस्वरूप अगला आलेख आप को जल्द ही उपलब्ध हो जाया करेगा। मैं प्रख्यात हिंदी लेखिका शिवानी की बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। अब वह इस संसार में नहीं रही पर नियमितता बनाने के लिए मैं उनके पुराने या कई बार पढ़े हुए उपन्यास भी फिर से एक बार पुनः पढ़ लेती हूँ जिस से उन से करीबी कभी दूरी में नहीं बदल पाये। शायद यही मैं आप अपेक्षा कर रही हूँ। आप नियमित मुझे पढ़ते रहें और मैं अपनी भावनाएं आप से बांटती रहूँ ये सिलसिला बाधित हो कर भी टूटे नहीं यही आशा है……………।
जैसा की मैंने पहले के आलेखों में जिक्र किया है कि कुछ पारिवारिक और सामाजिक व्यस्तता के कारण आलेखों की निरंतरता बाधित होती है यकीन माने कि ये मेरे लिए भी कष्टदायी है। एक सामाजिक जीवन जीने की मजबूरी आप भी बेहतर जानते होंगे। आप को दैनिक सुकून नहीं दे पा रही क्षमा पार्थी हूँ। मेरा ऐसा मानना है कि आप यदि मेरे आलेखों को चाहते है तो उपलब्ध तमाम आलेखों में से कोई भी आलेख नियमितता बनाये रखने के चुन सकते है। मेरी कोशिशों के परिणामस्वरूप अगला आलेख आप को जल्द ही उपलब्ध हो जाया करेगा। मैं प्रख्यात हिंदी लेखिका शिवानी की बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। अब वह इस संसार में नहीं रही पर नियमितता बनाने के लिए मैं उनके पुराने या कई बार पढ़े हुए उपन्यास भी फिर से एक बार पुनः पढ़ लेती हूँ जिस से उन से करीबी कभी दूरी में नहीं बदल पाये। शायद यही मैं आप अपेक्षा कर रही हूँ। आप नियमित मुझे पढ़ते रहें और मैं अपनी भावनाएं आप से बांटती रहूँ ये सिलसिला बाधित हो कर भी टूटे नहीं यही आशा है……………।
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