अपने प्रभु से आध्यात्मिक नहीं सामाजिक रिश्ते में जुड़े ....🙏

आध्यात्मिक नहीं सामाजिक रिश्ते में जुड़ें …………!

क्या कभी आप ने अपने ईश्वर से एक रिश्ते में जुड़ कर देखा है ? अगर नहीं तो अहसास कीजिये और फर्क देखिये।  मेरे जोधपुर में एक प्रसिद्ध मंदिर है हनुमान जी का।  उसे पाल बालाजी के नाम से सभी जानते और मानते हैं। न जाने क्यों इस शहर में बसने के बाद से ही उनसे मेरा दिल का रिश्ता जुड़ गया।  मैं उनसे उसी तरह की अपेक्षा करने लगी जैसी मैं अपने बच्चों या पति से करती हूँ। उनसे उसी तरह बात करने लगी जैसी मैं अपने परिवार से करती हूँ।  उनसे उसी तरह नाराज भी होने लगी जैसे मैं अपने परिवार से होती हूँ।  उनके साथ हर त्यौहार और खास मौके का आयोजन मुझे अच्छा लगने लगा।  उनकी जयंती पर मैं उनका birthday gift , cadbury  celebration का chocolate पैक देना नहीं देना भूलती। क्योंकि न जाने क्यों उन्हें देखने पर मुझे वह एक मासूम बच्चे की तरह नजर आते हैं।  जिन्हें प्यार से गाल खींच कर पुचकारा जाता है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं अपने ईश्वर से दिल से जुडी।  आज मेरा कोई सुख या दुःख सब उनकी नजर में हैं। मेरी दुआ पूरी न होने पर वह अन्य परिवार जन की ही तरह मेरी लड़ाई के भी हक़दार बन जाते हैं।लाखों करोड़ों भक्तों में अपनी अलग पहचान बनाते हुए मैं उन्हें attitude न  दिखाने का उलाहना भी सुना कर आ जाती हूँ। ये प्यार नहीं तो और क्या   है ? एक बार आप भी जिस को मानते है उस के लिए ऐसा सोच कर देखिये ख़ुशी मिलेगी।  सब से बड़ी बात आज की व्यस्त जिंदगी में कोई एक ऐसा मिल जाएगा जो बिना कुछ बोले आप की हर बात सुनता है और उसे ठीक करने की ताकत भी रखता है। सम्बन्ध में वो अपनापन लाएं जो आप को उनसे दिल जोड़े।एक ऐसा रिश्ता जो सामाजिक हो आध्यात्मिक नहीं। 

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