सब तेरे अपने हैं...... !
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सारा जहाँ ये तुम्हारा है ,
ज़रा नजरें तो उठाओ न। 
सब तेरे अपने ही हैं एक , 
आवाज तो लगाओ ना। 
       दूर वो हो गए होंगे ,
      जिन्हें तू पीछे छोड़ आया। 
      उनकी रहमत बरसेगी फिर ,
     बस साथ तो निभाओ ना। 
यूँ तन्हा रह कर चुप रहे ,
सब दूर दूर होते गए। 
करीबियां लाने को अब ,
पहले हाथ तो बढ़ाओ ना। 
      अकेलेपन से जूझते हुए ,
      एक दिन थक जाओगे।
      साथ से दुःख सिमट जायेगा ,
      ख़ुशी का माहौल बनाओ ना। 
राखी सिर्फ भाई बहन की नहीं ,
ये तो एक प्यार का बंधन है। 
रिश्ते की डोर मजबूत हो जाए ,
ऐसा धागा तो बंधाओ ना। 
        क्यूँ बस सोचा ही करते हो ,
        बीते लम्हों की कसक छोड़ो। 
        मन को फिर से पाक़ करो ,
       प्यार की भाषा समझाओं ना। 
सब तेरे अपने ही हैं एक ,
आवाज़ तो लगाओ ना। 



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