स्टॉकिंग.........!
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स्टॉकिंग , इस शब्द का अर्थ सभी बखूबी जानते हैं। फिर भी इस की एक नए सिरे से विवेचना कर के समझना और इसे रोक पाने के लिए उपायों पर गौर करना इस लेख का मकसद है। सबसे पहले इस शब्द का सही कानूनी अर्थ समझा जाये।  किसी भी महिला को उसकी अनिच्छा और असहमति के बावजूद उसका पीछा करना , उसकी जासूसी करना ,उसे घूरना , बदनीयती से उसे परेशान करना , उसके मन में भय पैदा करना , उससे जबरदस्ती संपर्क करने की कोशिश करना सभी स्टॉकिंग के अन्तर्गत आते हैं। जो कि एक अपराध की श्रेणी आते हैं। अब जबकि रोजमर्रा की जिंदगी में इन्टरनेट शामिल हो चूका है तो अब साइबर स्टॉकिंग भी चलन में आ गया है।  जिसमें ऑनलाइन पीछा करना ,निजता में दखल देना , किसी की मर्जी या जानकारी के बगैर उसकी तस्वीरों या अन्य किसी सामग्री का प्रयोग , किसी दूसरे के अकाउंट में उसकी जानकारी के बिना घुसपैठ आदि से भी इस अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। इस में ये किया जाता है कि छदम नाम से किसी से संपर्क साधा जाए और फिर उसे फ़साने की नीयत से अश्लील और झूठी बातें  की जाएँ। यह सभी आजकल प्रचलन में है। 
                     दिल्ली की स्कूटर से उतार कर की गयी छेड़छाड़ तथा बेंगलुरु में दिसंबर की रात को युवती के साथ की गयी आपत्तिजनक घटना ने ये साबित कर दिया की आज भी युवकों में मन में गंदगी और वासना पूरी तरह काबिज है। ये स्टॉकिंग , यूँ तो स्पर्श किये बिना का अपराध है। परंतु बिना स्पर्श किये  भी किसी महिला को मानसिक रूप से परेशान करना व् अवचेतन में डर पैदा करना , स्टॉकिंग के रूप में एक गंभीर अपराध है जो किसी महिला को खुल के जीने से रोकता है। हालाँकि सरकार ने इस अपराध के खिलाफ कानून बनाये हैं जिसमें गैर जमानती धारा में गिरफ्तार किया जाता है। पर यह काफी नहीं है। महिलायें सोचती है और डरती है कि पीछा करने वाला प्रतिक्रिया न दिए जाने पर एक दिन अपने आप ही खुद पीछे हट जायेगा। ये डर उन्हें इस लिए होता है कि इस घटना की शिकायत किये जाने पर  व्यक्ति को जो थोड़ी सी सजा दी जाएगी उसका बदला वह बाद में छूटने पर परेशान करके वसूलेगा। 
                       इस समस्या से समाधान के लिए कुछ उपाय हैं जिन्हें आज़माया जा सकता है। प्रत्येक स्त्री को अपने पास पेपर स्प्रे या कोई ऐसी चीज रखनी चाहिए। जिनसे तात्कालिक रूप से उनसे पीछा छुड़ाया जा सके। यदि कोई लगातार कई दिनों तक पीछा कर रहा हो तो पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर गोपनीय शिकायत की जा सकती है । महिला आयोग में भी इस तरह की शिकायत दर्ज की जाती है और कार्यवाही भी होती है। यदि महिला चाहे तो पुलिस में बकायदा एफ.आई.आर भी लिखवा सकती है। और सब से महत्वपूर्ण बात ,खुद को सजग रखें वाली छठी इन्द्रिय हमेशा सक्रिय रखें जो अपने आस पास के गलत लोगों की जानकारी देती रहेगी। सबसे पहले खुद को सुरक्षित रखने की नियति पर ध्यान दे कर उन प्रयासों को आजमाएं जो आप के साथ गलत होने से रोके।  

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