एक बार फिर............लेकिन कब तक ??? ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ 

अभी कल ही के लेख में मैंने एक छह वर्षीय बालक के साथ दुष्कर्म का प्रयास फिर हत्या के बारे में लिखा। आज फिर एक ताजातरीन घटना तैयार है। शायद इस लिए कि अब मानसिकताऐं बदल गयी हैं। अब हर दूसरे दिन यही सुनने को मिलेगा कि फलानि जगह किसी फलाने ने फलानी बच्ची या बच्चे के साथ कुकर्म किया।  यह सुनने में सामान्य घटना की ही तरह लगेगी।  क्योंकि अब हम सभी इस तरह की घटनाओं के होते रहने के आदि हो चुके हैं। 
                                         तो जानिये दिल्ली के ही एक नामचीन स्कूल टैगोर पब्लिक स्कूल में चपरासी ने पांच वर्ष की छोटी सी बच्ची के साथ वहशियाना बलात्कार किया। वहशियाना मैंने इस लिए लिखा कि उसने उस बच्ची का इस्तेमाल करते समय ये नहीं देखा कि जिस संतुष्टि के लिए वह ये सब कर रहा है क्या वह वाकई उसे मिल रही है। घृणित अत्यधिक घृणित .........अब हमें अपने बच्चों को बचाना होगा। उस सभी सोच से जो वहशी रूप में उन के आस पास घूम रही हैं। मैं पिछले कुछ समय से बतौर social activist , good touch and bad touch  पर काम कर रही हूँ।  जो छोटे बच्चों को बिना किसी खास तरह की sex education का विस्तार समझाए बिना सुखद स्पर्श और घृणित स्पर्श का अंतर समझाती हूँ। जो बच्चे 10 वर्ष से छोटे होते हैं।  उन्हें हम कैसे समझाएं कि वह ये अंतर आसानी से समझ सकें।  

feelings about  bad touch : 
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1. shyness यानि शर्म महसूस होने - जब कोई अपरिचित स्पर्श करें और शर्म या झिझक महसूस हो तो वह घृणित स्पर्श हैं। 
2. depression  या उदासी - जब किसी के स्पर्श से उदासी या घबराहट महसूस हो तो ये गलत स्पर्श हैं। 
3. dirtiness  या गन्दगी - जब भी किसी के स्पर्श के बाद कुछ गन्दा सा महसूस हो और लगे की शरीर गन्दा सा हो गया है ये गलत स्पर्श है। 
4. fear या डर - जब कभी मन में डर पैदा हो बेचैनी महसूस हो तो ये गलत स्पर्श का परिणाम हो सकता है। 
5.  Anxiety या दुष्विकार - जब स्पर्श के बाद मन में बुरे ख्याल आने लगे कि अब मेरा क्या होगा मैं खराब हो गया या गयी तो यह गलत है। 
6. Hesitation या संकोच - जब कभी किसी से स्पर्श से शरीर सिकोड़ने का मन करे तो यह गलत स्पर्श हो सकता है। 
6. Puzzled या उधेड़बुन - जब कभी किसी स्पर्श के बाद ये महसूस हो की इसे किसी को क्या बताएं ,कैसे बताएं तो ये गलत स्पर्श हो सकता है। 
7. Abashment या शर्मिंदगी - ये जानते हुए कि अपनी गलती नहीं है फिर भी शर्मिंदगी का अहसास हो तो यह गलत स्पर्श है। 
 ये कुछ साधारण किन्तु महत्वपूर्ण बिंदु है।  जिन पर प्रत्येक माता पिता और स्कूल के अध्यापक चर्चा कर के बहुत छोटे बच्चो को इस खतरे से पहले ही आगाह कर सकते हैं। इसे आसान बना कर प्यार से अपने शब्दों में उन्हें धीरे धीरे समझाना चाहिए। जिससे वह गलत और सही व्यक्ति में फर्क कर सकें। 


आगे भी इस विषय पर इसी तरह की चर्चा जारी रहेगी........ 

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