फिर वही रात है ,फिर वही रात है घात की.......! 
____________________
बेहतर है और इस से बेहतर और हो भी क्या सकता है कि साल ख़त्म होने का जश्न हमने एक बार फिर एक औरत को शर्मसार करके मनाने  को तरजीह दी। वो चाहे बेंगलुरु में हो या दिल्ली में। दोनों घटनाओं ने ये साबित किया कि औरत कही भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि इस समाज में  ,मर्द जो जिन्दा हैं। वह मर्द जो औरत के शरीर और उसके नारीत्व को कुचलने में ही अपनी मर्दानगी समझते हैं। उनके लिए औरत को छूना और उसकी नामर्जी के बावजूद इस के लिए उसे मजबूर करना सही मायनों में अपने वजूद का औचित्य सिद्ध करना है। 16 दिसंबर की वह रात जब दिल्ली में निर्भया के साथ यह सब हुआ उसे याद करने पर अपने ही शरीर के अंदर दर्द महसूस होने लगता है , जब यह सोचा जाये कि ये तो पराकाष्ठा ही परिसीमा है कि एक तरफ शरीर में रॉड घुसे जाने का असहनीय दर्द था , दूसरी तरफ नामर्दों को इस दर्द में सुख पाने की अनूभूति। एक बार फिर ईश्वर से लड़ाई करने की इच्छा होती है। लेकिन क्यों , उसने तो सिर्फ दो रचनाएं बनाई हैं । उसकी बनाई अनमोल रचनाओं का उपहास तो हमारे ही बीच के लोग उडा रहें हैं। 
                                           बेंगलुरु की एक युवती जो इकतीस की रात को घर अकेले लौट रही थी उसे कुछ पुरुषों ने बीच सड़क पर जबरदस्ती पकड़ के वहशियाना हरकत की। वह अपने बचाव में कुछ भी न कर पायी और उसे जमीन पर फेकतें हुए वह चले गए। इसी तरह दिल्ली में भी एक युवती जो की बाइक पर अपने दोस्त के साथ जा रही थी उसे कुछ उपद्रवी लड़कों ने खींच कर नीचे गिराया और उसके साथ भी अमानवीयता दिखाई। ये हमारे युवाओं का नए वर्ष का प्रण और संकल्प है कि अब से हम किसी भी अकेली औरत को नंगा किये बिना नहीं छोड़ेंगे। क्योंकि ये हमारा ईश्वर प्रदत्त जन्मसिद्ध अधिकार है। वाह , क्या बात है। ..आखिर आ ही गए औकात पर ये मर्द। अक्सर ये बात सोचती हूँ कि क्यों न उस ग्रन्थि के विकास को ही बाधित कर दिया जाए जो आदमी को कुत्ता बनने पर मजबूर कर देती है। क्योकि अगर वह सही मायनों में मर्दानगी दिखाए तो उसे एक औरत के सम्मान के लिए खड़ा होना चाहिए। खैर कुछ भी नहीं बदलने वाला न ही अब औरत पीछे जा सकती है कि फिर से वह घूँघट काढ़ के घर में दबी ढकी रहने वाली औरत बन जाए , न ही पुरुष उन्हें घर से बाहर पा कर नंगा देखने की अपनी इच्छा दबा सकते हैं। ऐसे में हल क्या निकला जाए ये एक गंभीर विचारणीय विषय है..........  

Comments