बहुत हुआ अब बस करो..............!! 
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बहुत हुआ अब बस करो ,
झूठा वादा अब और नहीं।
सिर्फ तमाशे को लगाव का ,
ये कायदा अब और नहीं।{1}

कहने को सब अपने है पर ,
अंतर्मन अलहदा अब और नहीं।
भूल-भुलावा देकर ठग लो ,
यह फायदा अब और नहीं।{2}

जो है सब सच बन का आये ,
अब यह परदा और नहीं।
रिश्ते चुभने लगें हमें तो ,
यह आपदा अब और नहीं।{3}

अपनेपन का खोल ओढ़ कर ,
झूठा लबादा अब और नहीं।
बहुत हुआ अब बस करो ,
इससे ज्यादा अब और नहीं। {4}

हम अतरंगी ख्वाहिश वाले ,
सूखा सादा अब और नहीं।
झूठी उम्मीदों की आस रखें ,
यह मर्यादा अब और नहीं। {5}

बहुत हुआ अब बस करो ,
ये बेहूदा अब और नहीं।
टूट टूट कर टुकड़े हो जाये ,
यह रंजीदा अब और नहीं। {6}

सच स्वीकार कर ही लिया ,
झूठा मसविदा अब और नहीं। 
दूर चले हम तेरी दुनिया से ,
लो बाशिंदा अब और नहीं। {7}







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