ईश्वर के खेल निराले 😂😂
ईश्वर के खेल निराले....😂😂
••••••••••••••••••••••••••••••
ईश्वर के भी खेल अजब निराले हैं
अजीब अजीब नमूने बना डालें हैं
सुनते थे कि दुनिया में हमशक्लों की
जोड़ियां कहीं न कहीं रहती तो हैं
पर अक्ल और स्वभाव मिलने लगे
ये प्रभु तेरी कारीगरी की ही मिसालें है
अब देखो दुनिया की दो दूरियों में बसते
दो लोग एक ही जैसी सोच वाले हैं
माँ की कोख़ के जुड़वा सुने थे पर
व्यवहार से जुड़े इनके अहम निराले हैं
चेहरे सफ़ेद हो या स्याह , क्या फ़र्क़ है
जबकि ज़िद से मन दोनों के काले हैं
उनकी मैं की पूर्णता के ग़ुरूर से अन्य
सभी की संपूर्णता लुप्तता के हवाले है
वाह प्रभु तू भी कमाल का रचयिता है
क्या पता था कि तू इतना मेहरबाँ होगा
और ऐसे दो अजब जुड़वाँ देने वाले है
😂★😂★😂★😂★😂★😂★😂★😂★😂
{Light comic quiz poem} बूझो तो जाने:
Comments
Post a Comment