इंवॉलेंट्री इमैजरी क्या है

इंवॉलेंट्री इमैजरी क्या है :          •••••••••••••••••••••••

अक्सर हम सभी ने महसूस किया होगा कि कोई याद या कोई धुन या कोई लम्हा हमारे मस्तिष्क में ऐसे बैठ जाता है। कि वो यूँ ही बिना वजह के कानों में दिमाग में गूंजने सा लगता है। जेहन उसे खुद से अलग नहीं कर पाता। इसी को ईयरवर्म्स या इंवॉलेंट्री इमैजरी कहा जाता है। ये कोई mental disorder नहीं है। लेकिन इसका लगातार बने रहना दूसरी चीजों से मस्तिष्क को distract करता है। 

अब समझते हैं इसके consequences  को....ये अमूमन जुड़े होते हैं किसी व्यक्ति से, किसी खास शब्द से, किसी खास बीट से, या किसी खास स्थिति से, इन्हीं से कोई खास याद जुड़ सी जाती है। कभी कभी अतीत की कुछ घटनाएं भी memory में इस तरह बैठी होती है कि वो दिमाग में फुदकती सी रहती है। जब तक याद आ जाती है। हम अगर उनको भूलना भी चाहे तो नहीं भूल पाते। यही वो ईयरवर्म्स हैं जो कानों में गूंजते हैं और कभी कभी दिमाग को भी सोचने से शून्य कर देते हैं।

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जब दिमाग पूरी तरह से व्यस्त नहीं होता तब ये यादें , कुछ धुन कोई गीत मन में गूंजता रहता है। जैसे किसी का हाल में ब्रेकअप हुआ हो तो कोई sad सी ग़ज़ल मन में चल रही होगी। जैसे मेरे घर एक miss happening  हो गई थी तो मेरे दिमाग में बार बार दुश्मन फ़िल्म का जगजीत सिंह जी का एक गाना " चिट्ठी ना कोई संदेश , जाने वो कौन सा देश ...जहां तुम चले गए" बज रहा था। चीजें देख कर मन में बार बार वो यादें घूम रही थी। कानों में आवाज़ें आ रही थी। ये औरों के साथ भी होता होगा। इसलिए जब हम कुछ लोगों से घिरे होते हैं। तब ये ईयरवर्म का प्रकोप कम होता है। लेकिन जब हम घर में अकेले होते हैं कुछ काम कर रहे होते हैं या गाड़ी चला रहे होते हैं तब कानों और दिमाग में गूंजती आवाज़ बहुत तेज़ सुनाई देती है। अब इसके रोकने के लिए कुछ कारगर तरीके :

1. जो याद, धुन या आवाज़ कानों को और दिमाग को व्यथित कर रही। उसकी याद को एक बार अच्छे से बैठकर पुनः दोहरा लिया जाए। जिससे उसकी निरंतरता पर ब्रेक लग जायेगा। 

2.किसी दिमाग से जुड़े काम में व्यस्त हो जाना चाहिए। जिसने फोकस और एकाग्रता की जरूरत है।

3.एक जगह नहीं बैठना चाहिए। ऐसे में टहलना शुरू कर दिया जाए। जिससे एकरूपता तोड़ने में मदद मिले।

4.गहरी सांस लेते हुए ध्यान की अवस्था में खुद को व्यस्त करना चाहिए। 

5.किसी अपने से कुछ बातचीत करनी चाहिए। जिससे मन उस स्थिति से भटक जाए। 

तो ये इंवॉलेंट्री इमैजिरी से इस तरह छुड़ाया जा सकता है। 

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