सीखों अपनों से कुछ ..........!
सीखें अपनों से अपनी कुछ ,
जीवन के विस्तार का सच।
जो आइना बन के साथ रहे ,
व्यक्तित्व के साथ रहे जंच।
तुम मानो या ना मानो पर ,
सब अनदेखा कर के जीते हो।
अनुभव कर के अब देखो तो ,
क्यों गर्त के टुकड़े सीते हो।
जो तुम से ज्यादा जी चुका ,
वो जीवन को ज्यादा जाने हैं।
कठिन रास्तों की तकलीफों ,
की कठिन सच्चाई माने हैं।
अपने अपनों की राय चलें ,
तो सब बेहतर बन जाएगा।
कुछ अनुभव ,कुछ हिदायत ,
से जीवन सफल हो जाएगा।
उनको अपना पहले मानो तो ,
फिर उनके मन की कुछ सुनना।
इज्जत दे कर इज्जत पाओगे ,
रिश्तें की डोर खुद ही बुनना।
जो बड़े है वो समझते हैं ,
दुनिया की रेलम पेल को ,
तुम आगे रख कर उन्हें चलो ,
हौसले से जीतोगे हर खेल को।
बस प्यार और सम्मान की चाह ,
उनको यूँ अपना बना देगी।
हर लड़ाई में उनके साथ से,
जिंदगी जीत दिला देगी।
सीखें अपनों से अपनी कुछ ,
जीवन के विस्तार का सच।
जो आइना बन के साथ रहे ,
व्यक्तित्व के साथ रहे जंच।
तुम मानो या ना मानो पर ,
सब अनदेखा कर के जीते हो।
अनुभव कर के अब देखो तो ,
क्यों गर्त के टुकड़े सीते हो।
जो तुम से ज्यादा जी चुका ,
वो जीवन को ज्यादा जाने हैं।
कठिन रास्तों की तकलीफों ,
की कठिन सच्चाई माने हैं।
अपने अपनों की राय चलें ,
तो सब बेहतर बन जाएगा।
कुछ अनुभव ,कुछ हिदायत ,
से जीवन सफल हो जाएगा।
उनको अपना पहले मानो तो ,
फिर उनके मन की कुछ सुनना।
इज्जत दे कर इज्जत पाओगे ,
रिश्तें की डोर खुद ही बुनना।
जो बड़े है वो समझते हैं ,
दुनिया की रेलम पेल को ,
तुम आगे रख कर उन्हें चलो ,
हौसले से जीतोगे हर खेल को।
बस प्यार और सम्मान की चाह ,
उनको यूँ अपना बना देगी।
हर लड़ाई में उनके साथ से,
जिंदगी जीत दिला देगी।
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