खुद को मत बदलो

 ख़ुद को मत बदलो :                               •••••••••••••••••••

जिंदगी में किसी के साथ के लिए

     खुद को कभी मत बदलो

उसकी समीपता भर पाने के लिए 

      क्यों इस कदर मत मचलो

जिंदगी में किसी से उम्मीदें क्यों रखो

        अकेले ही ख़ुश रहना सीखो

रिश्ते तुमसे आत्मसम्मान की बलि मांगेंगे

        या तो गर्व या रिश्ता ही रख लो

गर किसी का हाथ देर तक पकड़ने पर

        अपना हाथ पसीजने लगे तो

उनसे हाथ छुड़ाके पसीना सूखने तक 

       कुछ वक्त की दूरी सह लो

जब कोई सुन नहीं रहा तुम्हारी कही

      तो बिन कुछ कहे बस मौन रह लो

ज़िन्दगी में कभी किसी के साथ के लिए

         खुद को कभी मत बदलो

             ~ जया सिंह ~

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