स्वाद की चटकारी अनुभूति - गोलगप्पा

स्वाद की चटकारी अनुभूति- गोलगप्पा ••••••••••••••••••••••••••••••••••••

"पिछले भाग से आगे का किस्सा...😋😋"



मुझे महिलाओं से खासा प्यार मिलता है। एक महिला का क्रश भले बदल जाए, लेकिन उसका गोलगप्पा वाला “भैया” नहीं बदलता …. गोलगप्पे खाते वक़्त महिला का आत्मविश्वास आसमान छूता है “भाईया, जरा और तीखा देना” …. “एक सूखा अलग देना” ….  “हाँ हाँ, मीठी चटनी वाला भी देना… जरा मसाला तो अच्छे से भरो भाई"

अब मेरे खाये जाने के तरीके पर ध्यान दें...मेरा खाया जाना भी एक आर्ट फॉर्म है …. ये कोई हड़बड़ी का काम नहीं, इसमें पूरी रणनीति चाहिए …. एक हाथ में पत्ते की कटोरी, दूसरे में मुंह के पास पूरी और तीसरी आँख में उस गोलगप्पे वाले भाईया के हाथ की स्पीड को ट्रैक करने की शक्ति 🤣🤣 कभी-कभी तो बहस इस बात पर हो जाती है कि “अरे भाईया, आपने गिनकर सात ही दिये, आठ का बोला था।” जैसे जी बिहार की जनगणना हो रही हो 🤷

मुझमें पानी भी विभिन्न प्रकार के भरे जाते हैं …. हरा पानी – पुदीना और हरी मिर्च से बना …. स्वाद ऐसा जैसे आयुर्वेद का डॉक्टर खुद आपकी नाक से निकले….. इमली का पानी – जो मीठा भी होता है और धोखे से तीखा भी ….. आम का पानी – आम की तरह रसीला, और कभी-कभी इतना खट्टा कि कान बजने लगे ….. मिर्ची पानी …. केवल बहादुरों के लिए,  एक गोलगप्पा खाने के बाद लोग अपने पूर्वजों को याद करने लगते हैं !

   आजकल नए जमाने में मुझ पर एक्सपेरिमेंट हो रहे हैं …. मुझे मिल रहा है …. “चॉकलेट पानी”  हाँ, कोई मुझ पर Cadbury चॉकलेट और न्यूटेला सिरप डालकर कहता है “New fusion!”  और कभी शादी की पार्टी में मिले गोलगप्पे का एक घूँट और जीजा जी बोले  “अरे ये तो बहुत स्ट्रॉन्ग पानी है यार!” और बाद में पता चला – Jack Daniel’s से भरा हुआ था गोलगप्पा 🤪

मैं भूख नहीं मिटाता .... मैं जिज्ञासा मिटाता हूँ …. मैं स्वाद नहीं देता – मैं अनुभव देता हूँ ।

मैं एक गोलगप्पा हूँ – छोटा सा, मगर हर दिल के करीब …. चाहे तुम चाहे कितने भी बड़े पद पर बैठे कोई ऑफिसर हो या एक आम सा इंसान – तुम मुझे खाते हो …. कभी हँसते हुए, कभी तीखे पानी के कारण भरी हुई आंखों से ... पर हर बार खाया तो दिल से ।

तो अगली बार जब तुम मुझे खाने जाओ, तो थोड़ा मुस्कुराना…

क्योंकि मैं सिर्फ एक गोलगप्पा नहीं हूँ  …. मैं भारत की सड़क किनारे बसी स्वाद की आत्मा हूँ। जिसमें तृप्ति की सुगंध बसती है। ये अहसास बसता है कि खाया तो मूड अच्छा हो गया। इसलिए गोलगप्पा सिर्फ गोलगप्पा नहीं mood changer है। 

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