स्वाद की चटकारी अनुभूति- गोलगप्पा
स्वाद की चटकारी अनुभूति- गोलगप्पा 😋 ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
मेरा नाम गोलगप्पा है । हाँ, वही गोलगप्पा जिसे आप कॉलेज की छुट्टी के बाद, ऑफिस के ब्रेक में, शादी-ब्याह में और कभी-कभी ब्रेकअप के बाद भी खाते हैं...😇
मैं न किसी धर्म का हूँ, न किसी जाति का, मैं तो केवल स्वाद का हूँ। मेरी आत्मा खट्टी है, शरीर कुरकुरा, और दिल हमेशा लबालब भरा रहता है........वैसे ही जैसे मिडल क्लास लोगों का बजट ईएमआई से भरा हुआ रहता है।
मेरे नाम को लेकर जितनी विभिन्नता है, उतनी शायद एक भोजपुरी फिल्म में हीरो के हेयरस्टाइल में होती है …. हर गाने में नया लुक, हर सीन में नई चप्पल …. दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में मुझे गोलगप्पा कहकर बुलाया जाता है …. जैसे मैं कोई पहलवान हूँ, अखाड़े में उतरने को तैयार । बंगाल पहुँचते ही मैं फुचका बन जाता हूँ …. वहाँ मुझे इतने प्यार से पुकारते हैं कि लगता है जैसे मैं कोई कवि हूं, जो रसगुल्ला के मीठे समाज में खट्टी क्रांति लाने आया हूँ ।महाराष्ट्र और गुजरात की गलियों में मैं पानीपूरी कहलाता हूँ – यहाँ के लोग मुझे एकदम फिल्मी स्टाइल में खाते हैं। जैसे कोई हीरोइन “वड़ा पाव नहीं खाऊँगी, पानी पूरी लाओ ” कह रही हो । राजस्थान वाले मुझे कहते हैं पानी के बताशे – जैसे मैं कोई देसी देसी मिसाइल हूँ, जो हर खाए जाने पर स्वाद का धमाका कर देती है।
मुझे ढूंढने के लिए GPS नहीं, बस भीड़ चाहिए …. जहाँ भी 4 से ज्यादा महिलाएँ गोल घेरे में खड़ी हों और एक व्यक्ति बाल्टी, मटकी, ठेला और स्टील की कटोरी के साथ खड़ा हो – समझ लीजिए, मैं वहीं हूँ। चटकारे लिए खुशी से भरे चेहरे।
मैं कॉलेज के गेट पर,....मंदिर के बाहर,... मॉल के फूड कोर्ट में,... रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 3 पर,... शादी के पंडाल में टिक्की चाट के बगल वाले स्टाल में, …. कॉलेज के बाहर, …. हिल स्टेशन पर झरने के किनारे …. समुद्र किनारे चौपाटी पर …. यत्र-तत्र-सर्वत्र चहूँ दिशाओं में हर स्थान कर पाया जाता हूँ ।
पहले मैं सड़क पर था , धूल-धक्कड़ में, पर स्वाद के सिंहासन पर आसीन था। फिर आया ब्रांड का बवंडर, ... हल्दीराम, बिकानेरवाला, जैसी कंपनियों ने मुझे पैक किया, प्लास्टिक में बंद किया और बोतलों में मेरा पानी डाल कर बोला – “अब ये है हाइजीनिक ”
अब मैं AC हॉल में भी बिकता हूँ, और सड़क पर भी ….. फर्क केवल बस इतना है कि AC वाले गोलगप्पे में “मीठा पानी” पूछने पर वेटर आपको चार ड्रॉप मिंट का एसेंस डाल देता है, जबकि सड़क वाला ठेलेवाला बिना पूछे ही इतना तीखा पानी डालता है कि इंसान सीधे पांच मिनट को मौन व्रत में चला जाता है …. अब मैं branded हो गया हूँ …. मुझ पर GST लग गया …. मेरे पानी के नाम “Herbal Tangy Jal Jeera Essence” हो गए और मेरा ठेले वाला भाईया बदलकर “Food Hygiene Executive” बन गया 😎
◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆
उपरोक्त गोलगप्पा कथा दो भागों में हैं । बाकी अगले भाग में पढ़े...आखिर जिसके स्वाद की पराकाष्ठा अनंत हो उसे थोड़े से शब्दों में व्यक्त कर देना असम्भव है इसलिए मज़े करिए , गोलगप्पा खाइये और अग्रिम भाग में इसकी आगे की मज़ेदार कहानी सुनें.....😊
Comments
Post a Comment