एक अनुभव , कुछ सोच कर अपनाने का प्रयास कर रही हूँ। आप के साथ बाँटना चाहूंगी ...... यदा कदा कई ऐसी परिस्थितियां सामने आ जाती है जिस के बारे में हमें निर्णय लेना पड़ता है। इस स्थिति में दोनों बातें होती हैं , परिणाम मनमाफिक भी आ सकता है या फिर विपरीत। यदि सकारात्मक हुआ तब तो हम ऊर्जावान हो कर उससे जुडी हुई अन्य सम्भावनाओं को बेहतर बनाने की और प्रयासरत हो जाते हैं। परंतु इस के विपरीत यदि परिणाम नाकारात्कमक हुआ तो हमारी प्रवृति असहज हो जाती है कि जिसके आधार पर आगे आने वाली तमाम परिस्थितियां प्रभावित होने लगतीं हैं। ऐसा आप के साथ भी हुआ होगा और आगे भी होगा। अब इस के होने के कारण और स्थितियों पर गौर करें। किसी भी परिस्थिति में सबसे जरूरी हमारा निर्णय होता हैं।
पहले तो यह देखें कि हम ये निर्णय किसी दूसरे के प्रभाव में ले रहें है या ये हमारी खुद को सोच की उपज है। क्यों की किसी दूसरे की सोच के अनुसार लिया गया निर्णय हमारी जरूरत को हमारी ही अपेक्षानुसार पूरा कर पायेगा यह आवश्यक नहीं। इस लिए पहले इस की आश्वस्तता करने के बाद अन्य पहलुओं पर गौर करें। समय भी एक महत्वपूर्ण कड़ी है जिस के बारे में सोचा जाना आवश्यक है। आप जिस भी समय वह निर्णय ले रहें है वह आप के निर्णय को आलंबन देता है या नहीं अर्थात समय के अनुसार उस निर्णय के क्रियान्वयन में सफलता का प्रतिशत कितना हैं। क्योंकि यदि आप अपनी सफलता के प्रतिशत का अनुमान पहले से लगा कर उसके अनुसार तैयारी कर के आगे चलेंगे तभी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। अब एक और महत्वपूर्ण पहलु पर गौर करें वह है अपने निर्णय का क्रियान्वयन और उस निर्णय में शामिल लोगों की भागीदारी। उसे नियंत्रित करने के लिए पहले से ही एक रूपरेखा बना कर आगे बढ़ें साथ ही शामिल लोगों की भूमिका की रूपरेखा भी निर्धारित कर लेवें।
अब दूसरे मुद्दे पर तवज्जो दें वह है कि दुर्भाग्यवश यदि काफी पूर्वाभ्यास के बाद भी स्थिति पक्ष में ना आये तो इसे अपने हिस्से आयी एक छोटी नाकामी समझ कर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही यह भी आश्वस्त किया जाना चाहिये कि उस नाकामी से आगे आने वाली किसी भी परिस्थिति या व्यक्ति पर असर नहीं पड़ना चाहिए। क्योंकि एक पछाड़ कभी भी ये संकेत नहीं देती कि हम आगे फिर से दौड़ नहीं सकते। शामिल किसी भी व्यक्ति को भी इस के लिए जिम्मेदार न बनाते हुए एक नयी सोच के साथ फिर से परिस्थितियों को अनुकूल बनायें। सफलता निसंदेह साथ होगी और उत्साह आगे भी चलायमान रखने के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा।
Comments
Post a Comment