उर्जा का स्रोत : खुशी का हर एक़ पल  


खुशी और गम जिंदगी के दो अहम पहलू है । जहाँ खुशी का एक़ पल जिंदगी में नई उर्जा का संचार करता है वहीँ गम जिंदगी को जीवन से परे मौत की ओर ले जाता है । जिंदगी के हर मोड़ पर खुशी और गम का आना जाना लगा रहता है । बस फर्क इतना है की कभी कभी गम अपना ठिकना ज्यादा समय के लिए टिका लेता है और जो आगे चल कर इंसान को इतना गमगीन कर देता है कि  इंसान जिंदगी से हार मान कर मौत को अपना साथी बनाना ज्यादा पसंद करता है। आपने शायद कभी गौर नहीं किया है कि गम के लम्बे दौर में अगर कहीं से एक छोटी सी अच्छी खबर भी इतनी राहत  देती है कि  जैसे प्यासे को पानी मिल गया हो । उदाहरण  के तौर पर एक बार विश्व में सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले सचिन तेंदुलकर के जीवन में भी ऐसा पल आया था की  100  तो दूर 50  रन बनाने में भी उसे परेशानी आने लगी ऎसे बुरे दौर में 50 रन बनने पर भी उसे वो खुशी मिलती थी जो शतक बनाने पर मिलती है ।और ऐसी छोटी खुशी से मिली ऊर्जा ही सचिन के काम आई और आगे चल कर उसने वो कर दिखाया जो कोई सपने में भी नहीं सोच सकता  ।  यहाँ कहने का अर्थ यही है की बुरे दौर में अगर थोड़ी सी कोई खुशी मिले तो उसे नई ऊर्जा मानकर कबूल करे और आगे की ओर  नई ऊर्जा के  साथ बढ़े ।
यहाँ इस सागा का अर्थ यही कि गम कितना भी  बड़ा व लम्बा क्यों न  हो वो खुशी के एक छोटे से झोंके से  ही टूट जाता है । अतः गम के लम्बे   पल को जीवन  की  एक छोटी  सी खुशी  से परास्त कर दे यही सही मायने में जिंदगी है । 

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