संयुक्त प्रयास की सफलता ……!
क्या आप को ऐसा लगता है कि एक बड़े बदलाव के लिए एक बड़े कदम की जरूरत है ? अगर हां तो ये गलत है। क्योंकि इच्छाशक्ति और एक छोटी सी पहल या छोटा सा कार्य किसी बड़ी सोच को जन्म दे सकते हैं। सिर्फ ज़ज्बे की आवश्यकता है जो की आप के अंदर ही है। उसे बाहर निकालने के लिए आप को थोड़ा सा वक्त और devotion दिखाना पड़ेगा। हम भारतीय किसी सोच को इस लिए नहीं अपना पाते क्योंकि हम उसकी आवश्यकता और क्रियान्वयन के बीच एक बड़ा अंतर स्थापित कर देते है जिस से उस का वास्तविक असर ख़त्म हो जाता हैं। किसी भी कार्य के सफल होने का सब से बड़ा रहस्य ये है कि उसे समय पर ,पूरी निष्ठां से , संयुक्त रूप से किया जाए।
इसे इस उदाहारण के जरिये समझिए ,मैक्सिको के एक शहर न्यूवो लियोन में जब सभी अभिभावकों ने ये महसूस किया कि. बच्चो में आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ रही है तो उन्होंने संयुक्त रूप से इस समस्या का हल खोजा और बच्चो के खिलोनों में से toy gun , तीर कमान ,तलवार जैसे कई खिलोने पूरी तरह से हटा दिए। और बदले में सभी बच्चो को एक किट प्रदान की जिसमें फुटबॉल ,बास्केटबॉल ,चैस ,लूडो आदि तरह के खेल थे। इस समाधान में विद्यालय के संचालकों ने भी योगदान दिया। और उन बच्चों को स्कूल में पूरा समय दिया गया जिस से इन खेलों में उनकी रूचि जागृत कराई जा सके। समय -समय पर ऐसे स्पर्धाओं का आयोजन किया गया जिस में बच्चा भाग ले सके और जीत की ख़ुशी हांसिल कर सकें। ये विचार वहाँ की एक स्थानीय अधिकारी डायना पैट्रिशिया के मस्तिस्क की उपज है जो आज रंग दिखा रहा है। इस से एक बड़ा सांस्कृतिक बदलाव आया और बच्चे toy gun भूल कर अब मैदानी खेलो में रूचि ले कर अपने शरीर के साथ एकता का भी विकास कर रहें हैं। कुछ समय पूर्व तक आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वाले इस प्रान्त के लिए ये विकास की और एक नया कदम हैं।

इसी तरह के एक दूसरा उदाहरण देखें संयुक्त राष्ट्र ने 25 नवंबर को International day for elimination of violence against women को एक नायब तरीके से मनाया। उन्होंने इस के लिए उन कार्टून character को अपने साथ जोड़ा जो की हमारी आम जिंन्दगी का हिस्सा है और जिनका सबसे ज्यादा असर हमारी आने वाली पीढ़ी पर पड़ता है। इसमें कई आर्टिस्ट को साथ जोड़ा गया और disney character के सभी female किरदारों को हिंसा का शिकार होते दिखाया गया इन चरित्रों में snowwhite ,little mermaid arial ,jasmine ,cindrella , oliveoil जैसे कई किरदारों को अपने पार्टनर का क्रॉस लगा फोटो जिस पर coward यानि डरपोक लिखा है के साथ प्रस्तुत किया गया। इस में शामिल एक नामी चित्रकार पोलोम्बो के अनुसार ये कार्टून character ये बताने की कोशिश कर रखें है कि हिंसा करने वाला मर्द नहीं डरपोक होता हैं। वह अपनी कमजोरियां छुपाने के लिए किसी स्त्री पर हाथ उठा कर हिंसात्मक बर्ताव करता हैं। आज के हालातों के अनुसार पूरी दुनिया की करीब 35 महिलाएं हिंसा का शिकार हो रही है। ये एक भयावह त्रासदी है।
कहने को तो ये उपाय छोटे है पर प्रभाव के मामले में ये बड़े साबित हो गए। सोच बदलने के लिए सिर्फ एक प्रयास की आवश्यकता है और जब किसी बड़ी सोच को बदलना हो तो ये प्रयास भी संयुक्त होना चाहिए। वैसे भी आप ने ये तो सुना ही होगा भेड़चाल में सब शामिल हो जाते हैं तो क्यों न एक अच्छे प्रयास के लिए भेड़चाल बनाई जाये जिस से सार्थकता बढे और सफल हों। सफाई अभियान चलने के बाद कितने लोगों ने इसे संयुक्त कार्य के रूप में स्वीकार किया ? यही कारण है की आज भी आप को गंदगी यहाँ वहाँ फैली नजर आ ही जाएगी। छोटे प्रयास में भी अगर भीड़ का साथ हो तो उसे सफल बनने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए पहले एक बनिए और फिर उन कार्यों को अंजाम दीजिये जिनसे आने वाली नस्लों का जीवन बेहतर बन सकें .......
क्या आप को ऐसा लगता है कि एक बड़े बदलाव के लिए एक बड़े कदम की जरूरत है ? अगर हां तो ये गलत है। क्योंकि इच्छाशक्ति और एक छोटी सी पहल या छोटा सा कार्य किसी बड़ी सोच को जन्म दे सकते हैं। सिर्फ ज़ज्बे की आवश्यकता है जो की आप के अंदर ही है। उसे बाहर निकालने के लिए आप को थोड़ा सा वक्त और devotion दिखाना पड़ेगा। हम भारतीय किसी सोच को इस लिए नहीं अपना पाते क्योंकि हम उसकी आवश्यकता और क्रियान्वयन के बीच एक बड़ा अंतर स्थापित कर देते है जिस से उस का वास्तविक असर ख़त्म हो जाता हैं। किसी भी कार्य के सफल होने का सब से बड़ा रहस्य ये है कि उसे समय पर ,पूरी निष्ठां से , संयुक्त रूप से किया जाए।
इसे इस उदाहारण के जरिये समझिए ,मैक्सिको के एक शहर न्यूवो लियोन में जब सभी अभिभावकों ने ये महसूस किया कि. बच्चो में आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ रही है तो उन्होंने संयुक्त रूप से इस समस्या का हल खोजा और बच्चो के खिलोनों में से toy gun , तीर कमान ,तलवार जैसे कई खिलोने पूरी तरह से हटा दिए। और बदले में सभी बच्चो को एक किट प्रदान की जिसमें फुटबॉल ,बास्केटबॉल ,चैस ,लूडो आदि तरह के खेल थे। इस समाधान में विद्यालय के संचालकों ने भी योगदान दिया। और उन बच्चों को स्कूल में पूरा समय दिया गया जिस से इन खेलों में उनकी रूचि जागृत कराई जा सके। समय -समय पर ऐसे स्पर्धाओं का आयोजन किया गया जिस में बच्चा भाग ले सके और जीत की ख़ुशी हांसिल कर सकें। ये विचार वहाँ की एक स्थानीय अधिकारी डायना पैट्रिशिया के मस्तिस्क की उपज है जो आज रंग दिखा रहा है। इस से एक बड़ा सांस्कृतिक बदलाव आया और बच्चे toy gun भूल कर अब मैदानी खेलो में रूचि ले कर अपने शरीर के साथ एकता का भी विकास कर रहें हैं। कुछ समय पूर्व तक आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वाले इस प्रान्त के लिए ये विकास की और एक नया कदम हैं।

इसी तरह के एक दूसरा उदाहरण देखें संयुक्त राष्ट्र ने 25 नवंबर को International day for elimination of violence against women को एक नायब तरीके से मनाया। उन्होंने इस के लिए उन कार्टून character को अपने साथ जोड़ा जो की हमारी आम जिंन्दगी का हिस्सा है और जिनका सबसे ज्यादा असर हमारी आने वाली पीढ़ी पर पड़ता है। इसमें कई आर्टिस्ट को साथ जोड़ा गया और disney character के सभी female किरदारों को हिंसा का शिकार होते दिखाया गया इन चरित्रों में snowwhite ,little mermaid arial ,jasmine ,cindrella , oliveoil जैसे कई किरदारों को अपने पार्टनर का क्रॉस लगा फोटो जिस पर coward यानि डरपोक लिखा है के साथ प्रस्तुत किया गया। इस में शामिल एक नामी चित्रकार पोलोम्बो के अनुसार ये कार्टून character ये बताने की कोशिश कर रखें है कि हिंसा करने वाला मर्द नहीं डरपोक होता हैं। वह अपनी कमजोरियां छुपाने के लिए किसी स्त्री पर हाथ उठा कर हिंसात्मक बर्ताव करता हैं। आज के हालातों के अनुसार पूरी दुनिया की करीब 35 महिलाएं हिंसा का शिकार हो रही है। ये एक भयावह त्रासदी है।
कहने को तो ये उपाय छोटे है पर प्रभाव के मामले में ये बड़े साबित हो गए। सोच बदलने के लिए सिर्फ एक प्रयास की आवश्यकता है और जब किसी बड़ी सोच को बदलना हो तो ये प्रयास भी संयुक्त होना चाहिए। वैसे भी आप ने ये तो सुना ही होगा भेड़चाल में सब शामिल हो जाते हैं तो क्यों न एक अच्छे प्रयास के लिए भेड़चाल बनाई जाये जिस से सार्थकता बढे और सफल हों। सफाई अभियान चलने के बाद कितने लोगों ने इसे संयुक्त कार्य के रूप में स्वीकार किया ? यही कारण है की आज भी आप को गंदगी यहाँ वहाँ फैली नजर आ ही जाएगी। छोटे प्रयास में भी अगर भीड़ का साथ हो तो उसे सफल बनने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए पहले एक बनिए और फिर उन कार्यों को अंजाम दीजिये जिनसे आने वाली नस्लों का जीवन बेहतर बन सकें .......
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