चुभ गई कई बातें

चुभ गई कई बातें :                                  ••••••••••••••••••

चुभ गई हैं कई बातें दिल में

और कई लहजे खंजर मार गए

इस भीड़ भरी दुनिया में हम

गैरों से नहीं अपनों से हार गए

हम अधूरेपन की मिसाल हैं

ना तो नींद पूरी हुई ना ही ख़्वाब

उम्र गुजारने पर अहसास हुआ

बेशक़ीमती लम्हें यूँ ही गुजार गए

मेरी नींद की राह तकते हुए

कुछ ख़्वाब दरवाजे पर ही खड़े रहे

जो मैनें पलकें ना झपकाईं तो

वो भी अपनी मौजूदगी से बेजार गए

     ~ जया सिंह ~

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