प्रेम का आना और चले जाना
प्रेम का आना और चले जाना :
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प्रेम का अकस्मात आना और चले जाना
महज संयोग नहीं परन्तु ईश्वरीय इच्छा है
अपूर्ण प्रेम की उपलब्धता किसी जीवन में
अंतरात्मा की पवित्रता के लिए अच्छा है
कुछ संबंध जिस हाल में हो वैसा रहने दो
उन्हें संभालने की जुगत में खुद ना बिखरो
सब अंदर से बिखरे हुए हैं बस दिखाते नहीं
करीब जाओ तो पाओगे कि गुरूर कच्चा है
अबोध बालक और पशु प्यार पहचानते हैं
बस वयस्क ही दिल और आंख बंद रखता है
कितने अच्छे थे उस वक्त,जब सब अबोध थे
सीने में प्रेम करने वाला दिल था जो बच्चा है
हमारी तड़प और राज़ कैसे गैरों तक पहुंची
जिसका ज़िक्र हमने किसी अपने से किया
जब किसी के न होने का अहसास सबको है
तो मौजूदगी का भरम रखना कैसे सच्चा है
~ जया सिंह ~
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