उम्र के साथ बदलते फंडे …………!
हम रोज जिंदगी जी रहें है और तमाम मुश्किलों का सामना कर के जी रहे हैं। फिर भी हमें हमारी जिंदगी बहुत प्यारी हैं। और इसे और प्यारा बनाने के लिए हम वह सब कुछ करते है जो कभी कभी नहीं भी करना चाहिए। ऐसा इस लिए क्योंकि हम सब कुछ चाहते है और उस सब कुछ के लिए कुछ भी करना हमें सुकून देता हैं। क्या आप ने सोच है की इसी सब कुछ करने के चक्कर में हम अक्सर वह शॉर्टकट अपनाने लगते है जिनका परिणाम अच्छा नहीं आता। उम्र बढ़ने जिंदगी की मुश्किलात बढ़ने लगते है और शरीर का दम - खम कम होने लगता हैं। और ये कोई आश्चर्य का विषय नहीं क्योंकि दोनों स्थितियों के लिए इसे हम ही जिम्मेदार हैं। इसे बदलने या सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक हैं। 1. उम्र के साथ अपना नजरिया विकसित करना या बदलना जरूरी है। पहले अपने दिल की आवाज को तवज्जो दीजिये। और जरूरत हो थोड़ा लीक से हट कर काम करने का प्रयास करें। जिस से नए काम का उत्साह और नया अनुभव दोनों ही काम आएगा। 2. सप्ताह के एक दिन अवश्य निश्चित करें जिस दिन आप कोई भी नकारात्मक बात ना तो सोचेंगे ना ही करेंगें। झूठ ,धोखा ,गौसिप्पिंग सभी से दूर रहेंगे। और कोशिश करंगे की अच्छी बातें सोचें। 3. कई बार हम दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपने जीना का तरीका छोड़ देते है। जो बाद में हमें तकलीफ देता हैं। इस लिए यदि आप के तरीका किसी दूसरें के लिए बाधक नहीं सिद्ध हो रहा हो तो कत्तई उसे न बदलें। रिश्तें से अहम अपनी जिंदगी है जैसी जीने का सुख मिलना ही चाहिए। 4.किसी से भी अपनी तुलना न करें। इस से अपने अंदर की ग्लानि आप को जीने नहीं देगी। हर कोई परफेक्ट नहीं होता। जब ये अहसास आप को अपने लिए होगा तब आप दुखी होंगे। इस लिए अपनी तुलना आप स्वयं से ही करें की आप क्या बँनना चाहते थे और क्या बन पाये। 5.दूसरों से तवज्जो के बजाये सम्मान मिले ऐसा कुछ करें। क्योंकि सम्मान आप के लिए एक इनाम की तरह होगा जबकि तव्वज्जो तो आप के द्वारा किये जा रहे गलत कार्यों के लिए भी दी सकती हैं। 6 . कुछ भी सही करना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है उसे सही ढंग से करना। क्योंकि गलत ढंग से किया सही कार्य का परिणाम भी गलत ही आएगा। इस लिए राह चुनते समय ये ध्यान रखें की वह आप के लिए उचित है या नहीं। 7 . ऐसे लोगो से दूरी अच्छी है जो आप की भावनाओं का सम्मान नहीं करते। और अपने ही भावनाओं को सर्वोपरि समझते हैं। वह रिश्ते जो आप को मिलने योग्य सम्मान और प्यार न दे पाएं उनसे दूरी ज्यादा सुख देगी। 8. जीवन में लोकप्रियता क्षणिक होती है पर प्रभाव चिरस्थायी हो सकता है इस लिये अपने प्रभाव को बढ़ाये और दूसरों के दिलों में जगह बनाये। 9. जीवन में लेन देन चलता रहता है पर उसका हिसाब रखना छोड़ दें जिस से आप का मन की ईर्ष्या ख़त्म हो जायेगी। कि उसने इतना किया मैंने इतना। कम या ज्यादा परिस्थिति पर निर्भर करता है और देने वाले नियत देखनी चाहिए न की कीमत। 10 . ऐसे लोगों से दूर रहने का प्रयास करें जो सुविधा के आधार पर रिश्ता चलाना चाहते हैं। क्योंकि वह कभी भी आपकी जरूरत पर नहीं आएंगे। 11 . जीवन की 10 फीसदी घटनाओं पर ही हमारा नियंत्रण होता है बाकी 90 फीसदी पर परिस्थिति का। इस लिया उस परिस्थितियों को ही नियंत्रित करने का प्रयास करें जो घटनाओं को बदल सकती है। अतः उम्र बढ़ने के साथ सहनशक्ति कम होने से ये बदलाव कर हम अपना और साथ वाले का जीवन सरल बना सकते हैं।
हम रोज जिंदगी जी रहें है और तमाम मुश्किलों का सामना कर के जी रहे हैं। फिर भी हमें हमारी जिंदगी बहुत प्यारी हैं। और इसे और प्यारा बनाने के लिए हम वह सब कुछ करते है जो कभी कभी नहीं भी करना चाहिए। ऐसा इस लिए क्योंकि हम सब कुछ चाहते है और उस सब कुछ के लिए कुछ भी करना हमें सुकून देता हैं। क्या आप ने सोच है की इसी सब कुछ करने के चक्कर में हम अक्सर वह शॉर्टकट अपनाने लगते है जिनका परिणाम अच्छा नहीं आता। उम्र बढ़ने जिंदगी की मुश्किलात बढ़ने लगते है और शरीर का दम - खम कम होने लगता हैं। और ये कोई आश्चर्य का विषय नहीं क्योंकि दोनों स्थितियों के लिए इसे हम ही जिम्मेदार हैं। इसे बदलने या सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक हैं। 1. उम्र के साथ अपना नजरिया विकसित करना या बदलना जरूरी है। पहले अपने दिल की आवाज को तवज्जो दीजिये। और जरूरत हो थोड़ा लीक से हट कर काम करने का प्रयास करें। जिस से नए काम का उत्साह और नया अनुभव दोनों ही काम आएगा। 2. सप्ताह के एक दिन अवश्य निश्चित करें जिस दिन आप कोई भी नकारात्मक बात ना तो सोचेंगे ना ही करेंगें। झूठ ,धोखा ,गौसिप्पिंग सभी से दूर रहेंगे। और कोशिश करंगे की अच्छी बातें सोचें। 3. कई बार हम दूसरों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपने जीना का तरीका छोड़ देते है। जो बाद में हमें तकलीफ देता हैं। इस लिए यदि आप के तरीका किसी दूसरें के लिए बाधक नहीं सिद्ध हो रहा हो तो कत्तई उसे न बदलें। रिश्तें से अहम अपनी जिंदगी है जैसी जीने का सुख मिलना ही चाहिए। 4.किसी से भी अपनी तुलना न करें। इस से अपने अंदर की ग्लानि आप को जीने नहीं देगी। हर कोई परफेक्ट नहीं होता। जब ये अहसास आप को अपने लिए होगा तब आप दुखी होंगे। इस लिए अपनी तुलना आप स्वयं से ही करें की आप क्या बँनना चाहते थे और क्या बन पाये। 5.दूसरों से तवज्जो के बजाये सम्मान मिले ऐसा कुछ करें। क्योंकि सम्मान आप के लिए एक इनाम की तरह होगा जबकि तव्वज्जो तो आप के द्वारा किये जा रहे गलत कार्यों के लिए भी दी सकती हैं। 6 . कुछ भी सही करना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है उसे सही ढंग से करना। क्योंकि गलत ढंग से किया सही कार्य का परिणाम भी गलत ही आएगा। इस लिए राह चुनते समय ये ध्यान रखें की वह आप के लिए उचित है या नहीं। 7 . ऐसे लोगो से दूरी अच्छी है जो आप की भावनाओं का सम्मान नहीं करते। और अपने ही भावनाओं को सर्वोपरि समझते हैं। वह रिश्ते जो आप को मिलने योग्य सम्मान और प्यार न दे पाएं उनसे दूरी ज्यादा सुख देगी। 8. जीवन में लोकप्रियता क्षणिक होती है पर प्रभाव चिरस्थायी हो सकता है इस लिये अपने प्रभाव को बढ़ाये और दूसरों के दिलों में जगह बनाये। 9. जीवन में लेन देन चलता रहता है पर उसका हिसाब रखना छोड़ दें जिस से आप का मन की ईर्ष्या ख़त्म हो जायेगी। कि उसने इतना किया मैंने इतना। कम या ज्यादा परिस्थिति पर निर्भर करता है और देने वाले नियत देखनी चाहिए न की कीमत। 10 . ऐसे लोगों से दूर रहने का प्रयास करें जो सुविधा के आधार पर रिश्ता चलाना चाहते हैं। क्योंकि वह कभी भी आपकी जरूरत पर नहीं आएंगे। 11 . जीवन की 10 फीसदी घटनाओं पर ही हमारा नियंत्रण होता है बाकी 90 फीसदी पर परिस्थिति का। इस लिया उस परिस्थितियों को ही नियंत्रित करने का प्रयास करें जो घटनाओं को बदल सकती है। अतः उम्र बढ़ने के साथ सहनशक्ति कम होने से ये बदलाव कर हम अपना और साथ वाले का जीवन सरल बना सकते हैं।
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