अंतर्मन से भक्ति ....🙏

अंतरमन से भक्ति ....🙏🕉️
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एक व्यक्ति बहुत परेशान था। उसके दोस्त ने उसे सलाह दी कि कृष्ण भगवान की पूजा शुरू कर दो। 🙏

उसने एक कृष्ण भगवान की मूर्ति घर लाकर उसकी पूजा करना शुरू कर दी। कई साल बीत गए लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ.....

एक दूसरे मित्र ने कहा कि तू काली माँ की पूजा कर, जरूर तुम्हारे दुख दूर होंगे। अगले ही दिन वो एक काली माँ की मूर्ति घर ले आया।

कृष्ण भगवान की मूर्ति मंदिर के ऊपर बने एक टांड पर रख दी और काली माँ की मूर्ति मंदिर में रखकर पूजा शुरू कर दी।

कई दिन बाद उसके दिमाग में ख्याल आया की...

जो अगरबत्ती, धूपबत्ती काली जी को जलाता हूँ, उसे तो श्रीकृष्ण जी भी सूँघते होंगे। उन्हें भी धुएं की धाँस लगती होगी। ऐसा करता हूँ कि श्रीकृष्ण जी के मुँह पर कपड़ा बाँध देता हूँ।

जैसे ही वो ऊपर चढ़कर श्रीकृष्ण जी का मुँह बाँधने लगा कृष्ण भगवान ने उसका हाथ पकड़ लिया। वो हैरान रह गया और भगवान से पूछा -

इतने वर्षों तक तुम्हारी पूजा कर रहा था तब नहीं आए? आज कैसे प्रकट हो गए ? ?

भगवान श्रीकृष्ण ने समझाते हुए कहा, "आज तक तू एक मूर्ति समझकर मेरी पूजा करता था। किन्तु आज तुम्हें एहसास हुआ कि " ये कृष्ण भी साँस ले रहा है " 

"बस मैं आ गया।".....💐

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