Social distancing vs physical distancing

Social distancing 
    🚹↕️ 🆚 ↕️🚺
       Physical Distancing 

जब से ये कोरोना की आपदा आई है। इससे बचने के लिए हर उपाय आजमाए जा रहे। दिन भर हाथ धोते रहना , सैनिटाइजर का अधिक से अधिक प्रयोग करना ,  लोगों से दूरी बना कर रखना , मास्क लगाना ,  प्रयोग की जाने वाली सभी वस्तुओं को धो कर प्रयोग करना आदि आदि ....। 
               लेकिन इन सब में जो एक गलत भ्रम, एक गलत शब्द द्वारा लोगों में फैलाया जा रहा है वो है
 " एक दूसरे से social distancing  रखना" । अब इसका सही अर्थ समझा जाये ।  इस रोग की मांग है "Physical distancing"  ....अर्थात एक दूसरे के शरीर से दूरी । एक मीटर की दूरी , चेहरे पर मास्क के साथ । हाथ न मिलाना , नमस्ते करना । दूरी रखकर रोग से बचाव करना। किसी से कोई वस्तु लेना तो उसे सैनिटाइज़ करके प्रयोग करना आदि आदि ।  शारीरिक दूरी ही इससे बचाव है और एकमात्र हथियार है जिससे हम इस महामारी से लड़ सकते हैं। हम ये कर भी रहे हैं। घर में लॉक डाउन मेंं बन्द हैैं। काम , स्कूल , दफ्तर , दुकान , बाजार सब बन्द है। घर पर रहकर जिंदगी को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं । 
          लेकिन इसका दूसरा पहलू देखें कि इस वीरान सी जिंदगी में जो सबसे अच्छी बात है वो है हमारा सबसे social connection . हम सभी इस लॉक डाउन में एक दूसरे से socially ही जुड़े थे सकते।  फ़ोन कॉल , वीडियो कॉलिंग , मीडिया , अख़बार , फ़िल्म और बहुत से दूसरे माध्यम जिसके जरिये हम एक दूसरे  से जुड़ पा रहे हैं। ना मिलकर भी एक दूसरे का हाल चाल जान रहे। देश मे क्या चल रहा है समझ पा रहे ।  क्योंकि यही एक जरिया है हमें engaged रखने का, हमें  अपडेट रखने का और हमें रिलैक्स रखने का । अगर हम इस लॉक डाउन में अपनों से socially connected न रहे तो हमारा मन दिमाग और सुकून सब अव्यवस्थित हो जाएगा। 
                        इंसान एक  सामाजिक प्राणी है। उसे सबसे जुड़े रहना पसंद है। तो इस समय जब बाहर सब कुछ बन्द है तो हम ऐसे में अपनों का साथ , socially connected रहकर ही पा सकते है और ये बहुत जरूरी भी है।  क्योंकि अपनों और देश की खैर ख़बर रखना इस समय की सबसे बड़ी माँग है।  
                           इस लिए इस गलत शब्द के प्रयोग से जरूरत की परिभाषा ही बदल  दी जा रही है।  जिसे हमें सही करके  प्रयोग करना चाहिए और लोगों को भी सही शब्द के साथ जीवन को आगे बढ़ाने का तरीका समझाना चाहिए। दूरी शरीर से , मन से नहीं .....conectivity दूर रहकर भी , क्योंकि ये बहुत जरूरी है। 

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