Lock Down की एक और बानगी ...😂😂
पति -पत्नी
की मस्त
चुहलबाज़ी
........😂😂
(लॉक डाउन
में घर में बंद पतियों की
व्यथा- कथा)
सुबह सुबह उठ कर
की मस्त
चुहलबाज़ी
........😂😂
(लॉक डाउन
में घर में बंद पतियों की
व्यथा- कथा)
सुबह सुबह उठ कर
पतिदेव ने चाय बनाई,
श्रीमती को जगा कर
श्रीमती को जगा कर
पीने की याद दिलाई।
पत्नी उठी और चाय की
पत्नी उठी और चाय की
चुस्की लेते हुए बोली,
जाने कब इस लॉक
जाने कब इस लॉक
डाउन से मिलेगी रिहाई।
पतिदेव मुस्कुराते हुए
पतिदेव मुस्कुराते हुए
धीमे से फुसफुसाए ,
इस घरबन्दी में फ़ज़ीहत
इस घरबन्दी में फ़ज़ीहत
तो हमारी असली है।
तुम्हारा क्या है ,थोड़ा सा
तुम्हारा क्या है ,थोड़ा सा
पार्लर न जाने से ,
बस सिर्फ़ शक्लों सूरत
बस सिर्फ़ शक्लों सूरत
ही तो बदली है...😂
घर व काम की फ़िक़्र का
घर व काम की फ़िक़्र का
टेंशन तुम मत लो,
मेरे ऊपर तो तुम्हारे
मेरे ऊपर तो तुम्हारे
सैकड़ों एहसान है।
मुझे चुकाने का मौका
मुझे चुकाने का मौका
देकर,तुम खुश रहो ,
शांति व्यवस्था रखने का
शांति व्यवस्था रखने का
यही समाधान है।
पत्नी निहाल हो गई
पत्नी निहाल हो गई
पति की समझदारी पर ,
और पति कोस रहे
और पति कोस रहे
कोरोना की महामारी को ।
पुराने दिन याद आने लगे
पुराने दिन याद आने लगे
जब दफ्तर जाते थे,
शाम ढले घर आने पर
शाम ढले घर आने पर
थोड़ी इज्जत पाते थे।
अब तो घर की मुर्गी
अब तो घर की मुर्गी
दाल बराबर हो गई है ,
रौब दिखाने की आदत भी
रौब दिखाने की आदत भी
बेकदर हो गई है।
कोई नहीं अपने दिन भी
कोई नहीं अपने दिन भी
वापस आएंगे जब ,
कामवाला नहीं,ऑफिस के
कामवाला नहीं,ऑफिस के
साहब कहलायेगें।
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
Comments
Post a Comment