स्मार्ट शॉपिंग करें

स्मार्ट शॉपिंग करें :                ~~~~~~~~~~~~~~~            

घर गृहस्थी चलाने और जरूरतें पूरी करने के लिए बाजार से सामान लाना जिंदगी की एक आवश्यक जरूरत है। जिसे सभी को करना पड़ता है। पर इसने जो सबसे महत्वपूर्ण कारण छिपा है वह है अपनी क्रय शक्ति और बजट देख कर समान खरीदना। क्योंकि बाजार चीजों से पटा पड़ा है। लेकिन उसमें हमारे use की कौन सी चीज है ये चुनाव करके उसकी क़ीमत को सभी जगह से तुलनात्मक आंकलन के बाद खरीदना ही स्मार्ट शॉपिंग कहलाती है। स्मार्ट शॉपिंग को कुछ बिंदुओं द्वारा समझने की कोशिश की जा सकती है.......                                   1. सबसे पहले अपनी मासिक जरूरतों की priority की लिस्ट बनानी चाहिए। जिससे सिर्फ वही ख़रीदारी हो सके।                                                         

2.उन प्राथमिकताओं में से भी वर्तमान की तीव्र आवश्यकता को ऊपर रख कर बाकी को अगली शॉपिंग के लिए रख जाना चाहिए।                                       

3. जो भी चीज़ की आवश्यकता है उसे तमाम जगहों पर देख कर क़ीमत का और गुणवत्ता का मूल्यांकन करें।                                        

 4.फ़िर जहां चीज़ बेहतर क्वालिटी में और सही दाम में मिल रही हो वही से खरीदें।

5. कभी कभी कोई ज़रूरत की चीज़ घर से थोड़ी दूर सस्ती मिल जाती है। जबकी वही घर के नज़दीक दुगने दाम पर मिल रही होती है। तो उस दूरी के खर्च का आँकलन करके घर के पास या दूर से लेने का विचार बनाया जाए।

6.खरीदारी से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बात ये की समान उतना ही खरीदा जाए जितना जरूरत हो। बिना वजह अतिरिक्त समान स्टोर करना घर के बजट को बढ़ाना होता है।साथ ही बचा हुआ समान खराब होने की गुंजाइश भी। 

7. थोड़ी बहुत बाजार की जानकारी रखना आवश्यक होता है जिससे आने वाले समय में किस चीज़ के दाम बढ़ने की गुंजाइश है ये जानकारी होए। जिससे ना खराब होने वाली वस्तुएं खरीद कर रखी जा सकें।

8.  एक खरीदार होने के नाते थोड़ी बहुत बारगेनिंग की कला भी आनी चाहिए। क्योंकि बाजार में अक्सर अतिरिक्त मुनाफ़े के लिए चीजों के दाम बढ़ा कर बेचे जाते हैं।जिससे मोलभाव करके थोड़ी बहुत बचत की जा सकती है।

9. कभी कभी फैक्टरी आउटलेट पर चीजें सस्ती मिलती है। इसलिए उत्पाद जहां बनते हैं अगर उस जगह की जानकारी होगी तो वहां से टैक्स और दूसरे खर्च बचते हुए चीज़ सस्ते में मिल जाएगी। 

10. अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात इच्छा और जरूरत में फ़र्क़ करना सीखना होगा। हर  चीज़ ज़रूरत नहीं होती। बस उसे पास रखने की चाह होती है। उसी चाह को control करना है जिससे अनावश्यक खर्च ना हो।

★★★★★★★★★★★★★★★


Comments