ब्रम्हमुहूर्त में जागने के फायदे

ब्रम्हमुहूर्त में जागने के फायदे : ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

दिन में चार प्रहर होते है । पूर्वान्ह मध्यान्ह,अपरान्ह, सायंकाल । इसी तरह रात के भी चार प्रहर होते हैं। लेकिन दिन के प्रहरों का महत्व बहुत ज्यादा है। क्योंकि हमारा कार्मिक बहीखाता उस प्रहर का समय काल और कर्म द्वारा निर्धारित होता है। हर प्रहर के अलग अलग लाभ और हानियाँ है। जो जीवन, भोजन और व्यवस्था से जुड़ी है। 

ब्रम्हमुहूर्त सुबह का काल होता है सामान्यतः 3 से 5-6 बजे तक का समय। ये समय क्यों महत्वपूर्ण है इस को विस्तार से समझते हैं।

1. ईश्वर से connect होने का सुखद समय : इस समय वातावरण शांत और सुकून भरा होता है। तो ऐसे में ईश्वर से खुद को जुड़ा हुआ महसूस किया जा सकता है। 

2.प्रकृति की रम्यता : इस समय प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में होती है। पशु पक्षियों का कलरव और चहलपहल, फूलों के खिलने की प्रक्रिया और स्वच्छ वातावरण। ऐसे में मन अपनेआप शांति महसूस करने लगता है। 

3.यूनिवर्स no vibes mode में : उस समय सर्वाधिक लोग सोए रहते हैं। और वातावरण विचारशून्य होता है। तो हमारी यूनिवर्स, ईश्वर और अपने किसी प्रिय को भेजी गई दुआएं जल्दी travel करती हैं।

4.दिन भर हम तमाम सोच परेशानियों और जद्दोजहद से जूझते रहते है। पर सुबह ब्रम्हमुहूर्त में उठते वक्त मन शांत और दिमाग स्थिर रहता है। 

5.कहते है ना कि जैसी शुरुआत होए तभी अंत भी वैसा ही होगा। इसलिए दिन की बहुत अच्छी शुरुआत करने के लिए हमेशा सुकूँ वाली स्थिति में जगना चाहिए। ऐसा ना होए की late उठो और फिर tension में भागते दौड़ते स्कूल, दफ्तर या अन्य कामों के लिए मारामारी करो।

6.दिन भर तरोताजा रहने के लिए सूर्योदय से पहले उठ कर सूर्य को जल अर्पित करने से उसकी ऊर्जा पूरे दिन महसूस की जा सकती है।

7. ब्रम्हमुहूर्त में उठने से अपने आप मन  अच्छा महसूस करने लगता है और यही feeling नकारात्मक विचारों से दूर रखती है।

8. जल्दी उठने के लिए अगर दृढ़ प्रतिज्ञ हो जाएं तो वह एक क्षण जब बिस्तर छोड़ना होता है। उस समय मन अपने आप उसे स्वीकार कर लेगा। body clock अपने आप उस समय नींद खोल जर जगने के लिए प्रेरित करेगी। 

इसलिए ब्रम्हमुहूर्त में जागना स्वास्थ्य , मन और विचारों सभी के लिए बहुत अच्छा है। और हमें एक शुरुआत की तरह इसे जरूर आजमाना चाहिए। 

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