सिर्फ़ दवाईयां नहीं, माहौल भी असरकारक होना चाहिए

सिर्फ़ दवाईयां नहीं, माहौल भी असरकारक होना चाहिए :                  ••••••••••••••••••••••••••••

जब हम बीमार पड़ते हैं। तुरंत अस्पताल ले जाया जाता है। क्योंकि भले ही घर पर रहकर कितनी भी दवाईयां खा लो। एक proper care और treatment सही तरीके से अस्पताल में ही मिल सकता है। 

इसलिए अस्पताल को जीवंत होना बहुत जरूरी है। अमूमन अस्पतालों में सफाई व्यवस्था का तो ध्यान रखा जाता है। पर क्या कभी ये सोचा गया कि अस्पताल का रख रखाव रोगी की मानसिक सेहत पर भी प्रभाव डालता है। 

प्राकृतिक रोशनी वाले बड़े कमरे, सुकूँ देने वाले दीवारों के रंग पैलेट, प्रकृति से करीबी का अहसास, बैक्टीरिया रोधी पेंट्स, हीलिंग गार्डन्स, इशारे पर चलने वाले नल और दरवाजे आदि खासियतें अस्पतालों में नए चलन में खास ध्यान में रखी जा रहीं।  इसमें कमरों की बड़ी डिज़ाइन, सुविधजनक चलने फिरने की जगह, प्राकृतिक रोशनी के लिए बड़ी बड़ी खिड़कियां और रोशनदान, पेंट्स जो हल्के पेस्टल shades के हो soothing effects दें । मन और आंखों को शांत बनाये आदि इंफ्रास्ट्रक्चर विशेष तौर पर रखे जा रहे। lights की भी व्यवस्था इस तरह की होए जिसमें मरीज भी प्रकाश को आसानी से कम या ज्यादा कर सकता हो। इसके अलावा भी कमरे में भी हरियाली की व्यवस्था के लिए छोटे छोटे खूबसूरत plants pots रखे जा रहे। मरीजों की भावनात्मक मजबूती के लिए एक पूरा फैमिली एरिया बनाया जा रहा। जिसमें वह अपने close ones के साथ जुड़ा रहे। 

अब इन सारे specificatons के बाद ये समझते हैं कि ये सब जरूरी क्यों समझा गया....

1.मरीज पहले ही शारीरिक तौर पर कमजोर और टूटा महसूस करता है। उसे सम्बल की आवश्यकता होती है।

2.उसे छोटी छोटी सुविधाएं देकर ख़ुश बनाने की कोशिश है जो उसकी healing में बहुत मदद करती है।

3.आसपास का माहौल खूबसूरत और जीवंत बनाने से मरीज को ये अहसास कम होने लगता है कि वह अस्पताल में है और बीमारी के इलाज के लिए भर्ती है।

4.दवा और दुआ अगर दोनों मिल जाये तो बड़ी बड़ी पीड़ा खत्म हो जाती है। मरीज के आसपास सपनों जैसा कुछ बनाकर उसे ये अहसास कराया जाता है कि वह दुआओं के बीच सुरक्षित है।

5. मरीज का भावनात्मक रूप से मजबूत होना इलाज के लिए सबसे जरूरी आवश्यकता है। 

6. जरूरी तो नहीं कि अस्पताल दवाइयों की  महक से भरा रहे। खुशबू सीधे दिमाग पर असर करती है। और दिमाग अगर सुकूँ महसूस कर रहा तो शरीर भी स्वस्थ हो जाएगा। 

इसलिए अब जो ये नए बदलाव opt किये जा रहे वो यकीनन बहुत अच्छे हैं। जो पुरानी चली आ रहे इस मिथक को तोड़ते हैं कि अस्पताल में सिर्फ़ पीड़ा और बेचैनी रहती है। इस तरह के अस्पताल खुशी और सुकून का भी कारण बन सकते हैं।

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