मनोवृत्ति ठीक करने के लिए साँसों की SIP

मनोवृत्ति ठीक करने के लिए सांसों की SIP (systematic investment plan)          •••••••••••••••••••••••••••••

व्यवहार का सदैव एक समान रहना असंभव है। ये परिस्थिति, बाहरी वातावरण और संगीसाथी के हिसाब से बदलता और तय होता है। अमूमन तो कोई भी जानबूझकर गलत व्यवहार नहीं करना चाहता। पर मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि शरीर में कोई ऐसा द्रव्य अधिक मात्रा में बहने लगता है जिसकी वजह से मनुष्य विक्षिप्त हालत में आ जाता है। आक्रामक और हिंसक तक हो जाता है। जिसके कारण अपराध कर बैठता है। मनुष्य या तो पश्चाताप से व्यवहार बदलता है या परिवर्तन से। लेकिन जरूरी नहीं कि पश्चाताप हर किसी को होए। और परिवर्तित होना भी इतना आसान नहीं।

इसलिए ज्यादा जरूरत उस वृति को ठीक करने की गया जो व्यवहार को बदलने ही नहीं देती बल्कि विपरीत परिस्थितियों में वह और अधिक stable और calm दिखे। इसे ठीक करने के लिए एक बेहतरीन उपाय है सांसों का निवेश। आजकल systematic investment plan करने fix मासिक जमा करके भविष्य के लिए पूंजी जुटाई जा सकती है। यही SIP हमें सांसों पर करनी है। अर्थात सांसों के सिर्फ चलते रहने भर से कोई लाभ नहीं मिलता। बल्कि उन सांसों को चलते रहने का अभ्यास और उनको ध्यान में रखा जाना जरूरी है। यह प्रक्रिया नियमित रखनी है । जिसे हफ्ते या माह के आधार पर निरंतर किया जाए। ये इन्वेस्टमेंट लगातार सोच को बैलेंस रखने और अनावश्यक jump आने से रोकेगा। 

हम दिन भर सांसें लेते रहते हैं। तभी तो जिंदा है। पर कभी अपनी सांसों को ध्यान से देखते या सोचते हैं ....शायद नहीं। बस यही आवश्यक करना है कि आती जाती सांसों पर ध्यान दें। और इस व्यवस्था के लिए एक बेहतरीन ट्रिगर है मौन। जब हम अधिक समय मौन रहेंगे। तो अपनी सांसों पर ध्यान दे सकेंगे और यही ध्यान की अवस्था है। 

यही ध्यान वृति को बदलने में इसलिए कारगर है क्योंकि धैर्यपूर्ण और गंभीर सांसों की आवाजाही कोई गलत विचार पनपने ही नहीं देगी। तब मस्तिष्क इधर उधर की सभी बातों को भूलकर सिर्फ सांसों की प्रक्रिया पर केंद्रित है। 

इसलिए व्यवहार को stable और व्यवस्थित रखने के लिए सांसों की SIP करें। ये सोच व्यवहार और जीवन सभी को अच्छा बनाऐंगे।

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